गुलजार की कविता से जयपुर साहित्य उत्सव 2017 की शुरुआत 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   19 Jan 2017 4:58 PM GMT

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गुलजार की कविता से  जयपुर साहित्य उत्सव 2017 की शुरुआत गीतकार और फिल्म-निर्माता गुलजार।

जयपुर (भाषा)। जयपुर साहित्य उत्सव 2017 (जेएलएफ) की शुरुआत यहां के दिग्गी पैलेस में जाने-माने गीतकार गुलजार की कविता से हुई।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गुलजार, अमेरिकी कवि एन्ने वाल्डमैन और आध्यात्मिक लेखक सदगुरु की मौजूदगी में पांच दिनों तक चलने वाले समारोह की शुरुआत की, जिसका विषय है-- ‘‘द फ्रीडम टू ड्रीम : इंडिया एट 70’’।

राजे ने कहा, ‘‘जेएलएफ की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ी है और इसकी नकल में दूसरे उत्सव भी शुरू हुए हैं जो अच्छी बात है।''

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व आध्यात्मिक लेखक सदगुरु।

मुख्यमंत्री ने डिजिटलीकरण की कई योजनाओं को भी सूचीबद्ध किया, जिसमें जल संरक्षण और स्वास्थ्य बीमा, बच्चियों के लिए शिक्षा आदि शामिल है।

बॉलीवुड के कई कर्णप्रिय गाने लिखने वाले गुलजार ने भीड़ में लेखक बनने की चाहत रखने वालों को संबोधित किया और उनसे कहा कि खुद से सवाल पूछें कि उनकी लेखनी से जनता और समाज पर क्या असर होगा।

यह पूछना महत्वपूर्ण है कि कोई क्यों लिखता है, खुद से पूछना चाहिए कि क्या आत्मसंतोष के लिए लिख रहे हैं या खुद या समाज को मूर्ख बनाने के लिए लिख रहे हैं, समाज की संपूर्ण अंतररात्मा को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता।
गुलजार गीतकार बॉलीवुड में लिखे कई कर्णप्रिय गाने

उन्होंने समारोह के आयोजकों की उनके ‘‘अथक'' कार्य के लिए प्रशंसा की और कहा कि युवा लेखकों को प्रोत्साहित करने में साहित्य उत्सव का ‘‘बड़ा योगदान'' है। उन्होंने उनसे प्रति वर्ष भारतीय लेखकों पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।

गीतकार और फिल्म-निर्माता गुलजार।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें क्षेत्रीय भाषा कहना गलत है. वे सभी राष्ट्रीय भाषा हैं और उन्हें पर्याप्त महत्व दिया जाना चाहिए।'' उत्सव में नियमित आने वाले और दर्शकों के आकर्षण का केंद्र गुलजार इस वर्ष उर्दू पर एक सत्र में हिस्सा लेंगे।

पांच दिवसीय जयपुर साहित्य महोत्सव 2017 आज से शुरू हुआ।

सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यकर्ता वाल्डमैन ने डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महिलाओं के वॉशिंगटन मार्च का समर्थन किया और नए राष्ट्रपति के शुरुआती कार्यक्रम को ‘‘भयावह'' बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह मनहूस वक्त है. हम सोच के खिलाफ युद्ध का सामना कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि ‘‘दुनिया को जगाने'' के लिए कलाकारों को अपने कौशल का इस्तेमाल करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या अत्याचार के बीच खूबसूरती हो सकती है? मेरा मानना है कि हमें सवाल पूछने की अब छूट नहीं है। कला का उद्देश्य दुनिया को जागृत करने में सहयोग करना है।''

आयोजकों ने कहा कि इस वर्ष उन्हें पिछले वर्ष की तुलना में ज्यादा लोगों के जुटने की उम्मीद है। उत्सव में 250 लेखक, विचारक, नेता और लोकप्रिय सांस्कृतिक हस्तियों के शामिल होने का कार्यक्रम है।

स्कॉटलैंड के इतिहासकार विलियम डेलरिम्पल ने कहा, ‘‘साहित्य वाचन पर पहली बार 16 लोग जुटे थे। इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना पंजीकरण है और उत्सव आगे बढ़ रहा है।''

        

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