अब घर बैठे ऑनलाइन मंगवाइए कश्मीरी केसर, जम्मू-कश्मीर सरकार लेगी क्वालिटी की गारंटी

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अब घर बैठे ऑनलाइन मंगवाइए कश्मीरी केसर, जम्मू-कश्मीर सरकार लेगी क्वालिटी की गारंटीकश्मीरी केसर की ई-मार्केटिंग के लिए श्रीनगर में स्पाइस पार्क तैयार किया जा रहा है।

लखनऊ। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत के हर राज्य में कुछ न कुछ ऐसी खासियत है जो उस राज्य की पहचान बन जाती है जैसे केरल के मसाले, पंजाब की मक्के की रोटी संग सरसों दा साग, राजस्थान का दाल बाटी और चूरमा। ऐसे में कहा जाता है कि अगर आपने भारत में रहकर कश्मीर के केसर का स्वाद नहीं लिया तो फिर क्या किया लेकिन आप सोच रहे होंगे कि उस स्वाद तक पहुंचने के लिए आपको वहां तक जाना भी पड़ेगा लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब आप घर बैठे भी कश्मीर के केसर का स्वाद चख सकते हैं।

आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर की राज्य सरकार आपके लिए एक तोहफा लेकर आई है। जानकारी के अनुसार जम्मू कश्मीर राज्य सरकार का कृषि विभाग केसर की खरीद की ऑनलाइन व्यवस्था भी करने जा रहा है। कश्मीरी केसर की ई-मार्केटिंग के लिए श्रीनगर में स्पाइस पार्क तैयार किया जा रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि मौजूदा वर्ष के जून महीने से इस पार्क में काम शुरू कर दिया जाएगा।

इस स्पाइस पार्क को तैयार करने के लिए लगभग चार सौ करोड़ की लागत लगाई जा रही है और इसे राष्ट्रीय केसर मिशन के तहत तैयार किया जा रहा है। इस पार्क में केसर की सबसे शुद्ध किस्म तैयार करने के लिए कई मशीनें लगाई जाएंगी। साथ ही इसकी क्वॉलिटी चेक करने के लिए लैब टेस्टिंग भी की जाएगी। इस काम के लिए पार्क के बड़े हिस्से का इस्तेमाल किया जाएगा। राज्य कृषि विभाग के मुताबिक खेत से निकलने के बाद ही केसर को इस पार्क में ले जाया जाएगा। इसके बाद मशीनों के जरिए इसकी शुद्ध किस्म तैयार की जाएगी।

अब तक किसानों को अपना केसर बाहर जाकर बेचना पड़ता था या फिर व्यापारियों को देना पड़ता था जिससे कि किसानों का घाटा होता है क्योंकि व्यापारी इसकी बिक्री अपनी मर्जी के हिसाब से करते हैं जिसकी वजह से किसानों को इसका कम दाम मिलता है।
हकीम रफीक, निदेशक, कृषि विभाग

ई-मार्केटिंग के जरिए लोग अपनी जरूरत के हिसाब से घर बैठे ही केसर मंगवा सकेंगे। ये सब बिल्कुल उसी तरह हो सकेगा जैसे आप फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी वेबसाइट्स से ऑनलाइन शापिंग करते हैं। ऑनलाइन आर्डर किए इस केसर पर कृषि विभाग का प्रामाणित करने वाला टैग भी होगा। इससे ग्राहकों को किसी भी प्रकार का धोखा देना संभव नहीं हो सकेगा।

कश्मीर के कृषि विभाग निदेशक हकीम रफीक का कहना है कि ‘अब तक किसानों को अपना केसर बाहर जाकर बेचना पड़ता था या फिर व्यापारियों को देना पड़ता था जिससे कि किसानों घाटा होता है क्योंकि व्यापारी इसकी बिक्री अपनी मर्जी के हिसाब से करते हैं जिसकी वजह से किसानों को इसका कम दाम मिलता है।’ ई-मार्केटिंग किसानों और लोगों दोनों के लिए फायदे का सौदा माना जा रहा है। इस पार्क में किसान सीधे अपना केसर विभाग को बेच सकते हैं जहां पर उन्हें अन्य जगह के बदले दोगुना दाम मिल सकेगा।

उल्लेखनीय है कि कश्मीरी केसर की खेती मुख्य रूप से कश्मीर के पंपोर में होती है। जानकारी के मुताबिक पूरे देश में लगभग 5707 हजार हेक्टेयर भूमि पर केसर की खेती होती है जिसमें करीब 4,446 हजार हेक्टेयर भूमि का क्षेत्र अकेले कश्मीर का है। कश्मीर की इस जमीन में हर साल करीब तीन हजार किलो केसर उगता है जिसके उत्पादन लक्ष्य को बढ़ाकर छह हजार किलो तक करने की उम्मीद जताई जा रही है। जानकारी के अनुसार सबसे शुद्ध किस्म का केसर करीब दो लाख 70 हजार रुपए प्रति किलो तक की दर से बाजार में बेचा जाता है।

सोने के दाम जैसी है असली केसर की कीमत

केसर एक महंगी फसल होती है। इसे अच्छी पॉकेट मनी वाले लोग ही खरीद सकते हैं। इसके दाम सोने-चांदी के दाम जैसे होते हैं। दरअसल अधिकांश लोग जो केसर इस्तेमाल करते हैं वह असली एवं शुद्ध भी नहीं होता, क्योंकि शुद्ध केसर की कीमत तो आसमान को छूती है। असली केसर के दाम लगभग दो लाख पचास हजार से दो लाख सत्तर हजार तक होती है।

केसर को अन्य कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि कुंकुम, जाफरान अथवा सैफ्रन । इसका मूल स्थान दक्षिण यूरोप है, यद्यपि इसकी खेती स्पेन, इटली, ग्रीस, तुर्किस्तान, ईरान, चीन तथा भारत में होती है। भारत में यह केवल जम्मू (किस्तवार) तथा कश्मीर (पामपुर) के सीमित क्षेत्रों में पैदा होती हैं।

सिकंदर ने की थी सबसे पहले केसर की खेती

दुनिया को केसर देने का श्रेय सम्राट सिकंदर को जाता है। आज से करीब दो हजार साल पहले ग्रीस में सिकंदर की सेना ने ही इसकी खेती शुरू की थी जिसके बाद जहां-जहां सिकंदर की सेना ने अपने पांव पसारे, वहां केसर भी पहुंच गया। लेकिन भारत में केसर पारसी समुदाय के लोग लाए थे। कहते हैं विभिन्न मसालों के साथ-साथ उस समय में केसर भी भारत आया था लेकिन इसे उगाया कैसे जाए यही पारसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई थी। दरअसल केसर को उगाने के लिए कम से कम 20 फीट की ऊंचाई की जरूरत होती है, जो पहाड़ी क्षेत्र में ही संभव है।

केसर के फायदे

- केसर भोजन या दूध में लेने से पाचन क्रिया बेहतर होती है।

- केसर न केवल चेहरे से दाग धब्बे हटा कर चेहरे को चमकदार बनाता है बल्कि यह आयुर्वेदिक तेल में भी प्रयोग किया जाता है। चेहरे के दाग हटाने के लिए पानी और केसर को मिक्स कर के चेहरे पर लगाएं।

रिपोर्ट- आरपी तिवारी

     

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