आईएमए ने अंगदान को बढ़ावा देने के लिए अभियान शुरू किया
गाँव कनेक्शन 12 Jan 2017 4:42 PM GMT

नई दिल्ली (भाषा)। भारतीय चिकित्सा संघ ने राष्ट्रव्यापी ‘पूछना मत भूलो' अभियान शुरु किया है जिसके तहत डॉक्टर नियमित मौत के मामले में उसके रिश्तेदार या कानूनी वारिस से आंखे और अंग (ब्रेन डेड होने के मामले में) दान करने के बारे में अनुरोध करेंगे।
पहल के तहत, आईएमए के सदस्य देश में अंगदान को बढ़ावा देने के लिए मरीजों के प्रियजनों के अंगों को दान करने के लिए उनके परिवारों से पूछने के लिए डॉक्टरों को याद दिलाने के लिए संदेश भेजेंगे।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 2000 ऐसे लोग हैं जिन्हें गुर्दे का इंतजार है जबकि 30,000 लोग जिगर का इंतजार कर रहे हैं। कानूनी दान से सिर्फ तीन से पांच प्रतिशत की मांग पूरी होती है।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ के के अग्रवाल ने कहा कि अस्पताल में मर रहे मरीज के अंगदान को लेकर अनिवार्य या जरुरी आग्रह करने से देश में अंगदान के प्रतिशत को बढ़ाने में मदद मिलेगी। गहन चिकित्सकीय कक्ष में मौजूद डॉक्टरों को अंगदान के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरुक करने की जरुरत है क्योंकि ये स्थान अंगदान के संभावित केंद्र हो सकते हैं।
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