मासिक धर्म के बारे में बताने और मुफ्त में सेनेटरी पैड देने से स्कूलों में बढ़ी लड़कियों की हाजिरी 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   24 Dec 2016 6:49 PM GMT

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मासिक धर्म के बारे में बताने और मुफ्त में सेनेटरी पैड देने से स्कूलों में बढ़ी लड़कियों की हाजिरी प्रतीकात्मक फोटो। साभार : इंटरनेट

लंदन (भाषा)। मासिक धर्म के बारे में लड़कियों को शिक्षित कर और उन्हें मुफ्त में सेनेटरी पैड मुहैया कराने से स्कूलों में लड़कियों की हाजिरी में सुधार करने में मदद मिल सकती है, खासतौर से विकासशील देशों में।

ब्रिटेन में आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा करवाए गए एक सर्वेक्षण में युगांडा में एक हजार लड़कियों से सवाल जवाब किए गए। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन दो स्कूलों में सेनेटरी पैड या मासिक धर्म के बारे में शिक्षा नहीं दी गयी वहां छात्राओं की गैर हाजिरी का स्तर औसतन 17 फीसदी से अधिक था उन स्कूलों के मुकाबले जहां लड़कियों को सेनेटरी पैड दिए गए, शिक्षा दी गई या दोनों प्रकार की मदद मुहैया कराई गई।

विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पाल मोंटगोमरी ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया कि मासिक धर्म और शरीर में आने वाले बदलावों पर ध्यान देने से लड़कियों की शिक्षा पर मासिक धर्म की प्रक्रिया किस प्रकार नकारात्मक असर डालती है।

शोधकर्ताओं ने यह देखने के लिए एक परीक्षण किया कि यदि लड़कियों को फिर से इस्तेमाल किए जाने वाले पैड दिए जाएं, मासिक धर्म के बारे में शिक्षित किया जाए या दोनों प्रकार की मदद मुहैया कराई जाए तो क्या स्कूल से गैर हाजिर रहने के स्तर में कोई सुधार होता है।

युगांडा के ग्रामीण इलाकों में सर्वाधिक गरीब कामुली जिले में सभी स्कूलों में पढ़ाई बीच में छोड़ने, उच्च निरक्षरता और प्रजनन दर विश्व में सर्वाधिक है। यह एक ऐसा जिला है जहां सरकारी आंकड़ों के अनुसार, स्थानीय सेकेंडरी स्कूलों में 69 फीसदी लड़कों के मुकाबले केवल 54 फीसदी लड़कियां ही पढ़ पाती हैं।

      

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