विदेश में खूब बिकती है इस ‘चायवाली’ की चाय

Kushal MishraKushal Mishra   6 Nov 2016 3:51 PM GMT

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विदेश में खूब बिकती है इस ‘चायवाली’ की चायऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल की उपमा विरदी ने खोली चाय की दुकान ’चायवाली’। फोटो साभार: इंटरनेट

लखनऊ। अभी तक आप 'चायवाले' से परिचित होंगे, लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी 'चायवाली' के बारे में, जिसने विदेशों में अपनी भारतीय चाय से धूम मचा दी है। इस 'चायवाली' की चाय का दिवानगी का आलम इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में इन्हें 'बिजनेस वुमेन आफ द इयर' के अवॉर्ड से नवाजा गया है। 'चायवाली' नाम से चल रहे सफल रिटेल बिजनेस की संस्थापक हैं, भारतीय मूल की 26 वर्षीय उपमा विरदी। आईये आपको बताते हैं कि इस 'चायवाली' के बारे में कुछ और रोचक बातें।

ऑस्ट्रेलिया में खोल ली चाय की दुकान 'चायवाली'

उपमा विरदी चंडीगढ़ की रहने वाली हैं। चाय की शौकीन उपमा वकालत पढ़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया गईं। मगर वहां चाय न मिलने की वजह से उपमा काफी परेशान हुईं। सिर्फ चाय पीने की ही नहीं, बल्कि चाय बनाने का शौक भी उन्हें बचपन से था। यही कारण था कि उपमा ने ऑस्ट्रेलिया में ही एक चाय की दुकान 'चायवाली' खोल ली। उनके हाथों की बनी चाय ऑस्ट्रेलिया में लोगों को इतनी पसंद आईं कि देखते ही देखते 'चायवाली' के नाम से उनका ब्रांड तैयार हो गया है। अब आलम यह है कि 'चायवाली' के नाम से उनकी चाय ऑस्ट्रेलिया में खूब धड़ल्ले से बिक रही है। यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया में हुए 'टी फेस्टीवल' में उपमा को विशेष तौर पर बुलाया गया था।

इसलिए भी खूब हिट हुई 'चायवाली'

असल में उपमा विरदी के दादा चंडीगढ़ में देसी दवाएं बेचते थे। उपमा को उनके दादाजी ने ही चाय में आयुर्वेदिक चाय के फायदों के बारे में बताया था। ऐसे में उपमा ने भी चाय को स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें इलायची, लौंग और कई तरह की बूटियां का इस्तेमाल भी अपने दादाजी के साथ सीख लिया था।

मैं ऑस्ट्रेलिया के लोगों को बताना चाहती हूं कि भारतीय चाय का स्वाद दुनिया के बाकी देशों की चाय से अलग है। हम भारतीय चाय को और स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें इलायची, लौंग तथा कई तरह की बूटियों का इस्तेमाल करते हैं’। मैं ऑस्ट्रेलिया में भारतीय चाय को लोकप्रिय बनाकर भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना चाहती हूं।
उपमा विरदी, संस्थापक, चायवाली

माता-पिता थे फैसले के खिलाफ

अपनी चाय की दिवानगी की वजह से ही जब उपमा ने वकालत करते हुए ऑस्ट्रेलिया में चाय की दुकान खोलने का फैसला किया तो उपमा के माता-पिता उनके इस फैसले के खिलाफ थे। उनके माता-पिता का कहना था कि एक वकील को चाय बेचने की क्या जरूरत है। मगर उपमा ने ऑस्ट्रेलिया में अपनी चाय की दुकान खोली और अपनी मेहनत की वजह से ही उन्हें इंडियन ऑस्ट्रेलियन बिजनेस कम्युनिटी अवॉर्ड में उन्हें ‘बिजनेस वुमन ऑफ द इयर’ के खिताब से नवाजा गया। हालांकि उपमा अपनी वकालत भी कर रही हैं।

चायवाली का ऑनलाइन स्टोर भी

अब उपमा चाय की वर्कशॉप भी लेने लगी हैं। इतना ही नहीं, उपमा एक ऑनलाइन स्टोर भी चलाती हैं। इस पर ऑनलाइन चाय ऑर्डर भी की जा सकती है। इसके अलावा उपमा लोगों को बेहतर चाय बनाने के गुर भी सिखाती हैं। उपमा विरदी उन सभी चाय वालों के लिए एक मिसाल हैं, जो यह सोचते हैं कि चाय बेचने का बिजनेस बहुत निम्न स्तर का है।

   

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