उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों को भी मिलेगा सातवें वेतन आयोग, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दी मंजूरी
Sanjay Srivastava 13 Dec 2016 3:54 PM GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आने के बीच आज राज्य मंत्रिमण्डल ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का फैसला किया है। इससे उत्तर प्रदेश के 22 लाख कर्मचारी, शिक्षक व पेंशनर को लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘कैबिनेट ने वेतन समिति का फैसला मान लिया है. लाखों कर्मचारियों को आने वाले महीनों में इससे फायदा पहुंचेगा। इससे (राजकोष पर) कई हजार करोड़ रुपए का भार आएगा।''
अखिलेश ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को एक जनवरी से लागू करने की बात कहते हुए दावा किया, ‘‘आने वाले समय में यही लोग, जिन्हें सरकार ने लाभ पहुंचाया वे बहुमत की सरकार बनाएंगे।'' सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का फायदा प्रदेश के करीब 16 लाख सरकारी कर्मचारियों एवं छह लाख पेंशनभोगियों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में इसकी मंजूरी दी। इस घोषणा से उत्तर प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के वेतन में 25 से 35 फीसदी तक संपूर्ण बढ़ोत्तरी होगी जबकि बेसिक सैलरी 10 से 15 फीसदी तक बढ़ेगी।
केंद्रीय सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का लाभ देने के लिए रिटायर्ड आईएएस अफसर जी. पटनायक की अध्यक्षता में गठित राज्य वेतन समिति की पहली बैठक अगस्त में हुई थी। इसमें समिति ने सबसे पहले प्रदेश के कर्मचारियों के मौजूदा पे स्केल को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर लिए गए केंद्र के निर्णय के समान तय करने की कार्रवाई तीन महीने में पूरा करने का लक्ष्य तय किया था।
राज्य वेतन समिति ने नवंबर तक अपनी पहली रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने का ऐलान किया था मगर कुछ विलंब हुआ और रिपोर्ट दिसंबर में राज्य सरकार के समक्ष रखी जा सकी। अभी दो दिन पहले पटनायक समिति की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी गई है। पहले ये संकेत थे कि विधानसभा चुनाव के पहले सरकार समिति की सिफारिशों पर निर्णय कर कर्मचारियों को नए वेतन ढांचे का लाभ देगी।
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