मायावती ने अखिलेश को फिर कहा ‘बबुआ’

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मायावती ने अखिलेश को फिर कहा ‘बबुआ’बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती।

लखनऊ (भाषा)। बसपा मुखिया मायावती ने इन दिनों बसपा सरकार द्वारा बनवाये गये स्मारकों को लेकर तल्ख टिप्पणी कर रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए उन्हें एक बार फिर ‘बबुआ' बताया और कहा कि वह अपने बयानों में हाथियों की बात करके बसपा के चुनाव चिह्न का मुफ्त में प्रचार कर रहे हैं।

मायावती ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के 61वें परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मौजूदा राज्य सरकार के मुखिया पूर्ववर्ती बसपा सरकार द्वारा स्थापित स्मारकों के निर्माण को फिजूलखर्ची बताते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि इस किस्म की सोच रखने वाला यह बबुआ आगे चलकर पूरे देश में स्थापित मूर्तियों के बारे में ऐसी बातें कर सकता है।

मायावती ने कहा कि सपा सरकार द्वारा केवल परिवार के मनोरंजन के लिये अपने गृह जनपद में सैफई महोत्सव मनाने पर गरीब जनता का करोड़ों रुपया बहा दिया जाता है, दरअसल यही फिजूलखर्ची होती है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘सपा सरकार का मुखिया अपने हर छोटे से छोटे कार्यक्रम में स्मारकों और पार्कों में हाथियों की बात करना कभी नहीं भूलता है। हो सकता है कि यह हाथी उसे सपने में परेशान करते हों। अच्छी बात यह है कि इससे रोजाना हमारी पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी का मुफ्त में खूब प्रचार हो रहा है। अब वैसे भी प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आने की वजह से पार्टी के चुनाव चिह्न के प्रचार की हमें काफी जरूरत भी थी, जो मुफ्त में पूरी हो रही है।''

उन्होंने कहा कि सपा सरकार के मुखिया छह दिसम्बर को पुण्यतिथि की छुट्टी कभी रद्द कर देते हैं तो कभी बहाल कर देते। ऐसे रवैये से यह स्पष्ट है कि सपा सरकार का मुखिया वास्तव में ही ‘बबुआ' है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने विभिन्न कार्यक्रमों में बसपा सरकार को ‘पत्थर वाली सरकार' बताते हुए अक्सर यह कहते हैं कि मायावती ने स्मारकों में ऐसे हाथी लगवाये जो बैठे थे, वे बैठे ही हैं और जो खड़े थे, वे खड़े ही हैं।

   

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