इस्लामाबाद। पूर्व पाकिस्तानी सेना प्रमुख परवेज़ मुशर्रफ ने कहा है कि भारत में 2008 में हुई मुम्बई हमले में आतंकी हाफिज सईद शामिल नहीं था। मुशर्रफ बोले मुझे नहीं लगता कि 26/11 के आतंकी हमले में जमात-उद-दावा (जेयूडी) सरगना हाफिज़ सईद का हाथ था। उन्होंने कहा, पाकिस्तान में हम उसे आतंकवादी नहीं कहते हैं। हाफिज़ सईद का मुद्दा भारत में मुद्दा है, अमेरिका में नहीं है।
परवेज मुशर्रफ ने ‘वियोन’ (वर्ल्ड इज वन न्यूज) चैनल से कहा, अमेरिका भले ही हक्कानी और शकील अफरीदी के बारे में बात कर रहा हो लेकिन वह हाफिज सईद के बारे में बात नहीं करता। सिर्फ भारत ही सईद के बारे में बात करता रहता है और वही उसे आतंकी भी साबित करना चाहता है। बीते जनवरी महीने में सईद को 90 दिनों के लिए नजरबंद किया गया था। उस वक्त ऐसी रिपोर्ट थीं कि ट्रंप प्रशासन ने सईद और उसके संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बहुत दबाव बनाया है।
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भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा रिश्तों को लेकर मुशर्रफ ने कहा, ‘‘अगर भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) शांति चाहते हैं तो वह पाकिस्तान के साथ शांति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए बहुत अच्छी स्थिति में हैं। लेकिन वह ऐसा नहीं चाहते । मुशर्रफ ने यह भी कहा कि वह देश में 2018 का आम चुनाव लड़ना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर हाल ही एक रिपोर्ट आई थी। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर पाकिस्तान आधारित आतंकी ग्रुप ने एक बार फिर से 26/11 जैसा हमला किया तो भारत के लिए संयम बरतना मुश्किल होगा।
पाकिस्तान की सरकार ने इसी वर्ष 30 जनवरी को हाफिज़ सईद और उसके 4 साथियों को लाहौर के एक घर में नज़रबंद किया था। इस रबंदी के खिलाफ हाफिज़ सईद और उसके साथियों ने लाहौर हाईकोर्ट में एक अपील की। इस अपील में कहा गया था कि उन्हें नज़रबंद किए जाने का कोई कानूनी आधार नहीं है लेकिन पाकिस्तान की सरकार ने लाहौर हाईकोर्ट में अपने जवाब में कहा कि सरकार ये मानती है कि जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन, सुरक्षा और शांति के लिए हानिकारक हैं। और इन संगठनों की गतिविधियां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का भी उल्लंघन करती हैं। इन दोनों संगठनों का संचालन हाफिज़ सईद और उसके साथी करते हैं।
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