नोटबंदी पर राहुल गांधी ने कहा, डर की राजनीति कर रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   28 Dec 2016 3:15 PM GMT

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नोटबंदी पर राहुल गांधी ने कहा, डर की राजनीति कर रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी कांग्रेस के 132वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए राहुल गांधी।

नई दिल्ली (भाषा)। कांग्रेस के 132वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए आज उनपर ‘‘डर और गुस्से'' की राजनीति करने का आरोप लगाया तथा पार्टी कार्यकर्ताओं से उनकी विचारधारा को हराने को कहा।

कांग्रेस के 132वें स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए राहुल ने कहा, ‘‘आठ नवंबर को मोदी जी ने कहा कि वह भ्रष्टाचार और कालाधन के खिलाफ ‘यज्ञ' कर रहे हैं। प्रत्येक यज्ञ में किसी की बलि दी जाती है और प्रत्येक यज्ञ किसी के लाभ के लिए किया जाता है।''

नोटबंदी का ‘यज्ञ’ देश के एक प्रतिशत अति-धनी 50 परिवारों के लिए है, इस ‘यज्ञ’ में गरीबों, किसानों, मजदूरों, मध्यवर्ग और छोटे दुकानदारों की बलि हो रही है, इससे बहुत दर्द हो रहा है।
राहुल गांधी उपाध्यक्ष कांग्रेस

राहुल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से नोटबंदी से ‘‘दुखी'' लोगों तक पहुंचने और ‘‘डर तथा घृणा'' फैलाने वाले मोदी और आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ लडने का आह्वान करते हुए कहा कि कांग्रेस जनता, किसानों, मजदूरों, मध्यवर्ग और छोटे दुकानदारों तथा देश के साथ खड़ी रहेगी और उनकी मदद करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लोगों तक पहुंचना होगा और मुझे पूर्ण विश्वास है कि वे ऐसा करेंगे। वे लड़ेंगे और नरेन्द्र मोदी तथा आरएसएस की उस विचारधारा को हराएंगे जो गुस्सा और घृणा फैलाती है।''

मोदी पर देश के लोगों की वित्तीय स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सवाल किया कि किस आधार पर धन निकासी की अधिकतम सीमा 24,000 रुपए तय की गयी है।

कांग्रेस के 132वें स्थापना दिवस समारोह में झंडा फहराने के बाद नमन करते राहुल गांधी, जनार्दन द्विवेदी व अन्य।

अपनी मां और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह लेते हुए राहुल ने कांग्रेस स्थापना दिवस के अवसर पर आज पहली बार पार्टी मुख्यालय में तिरंगा फहराया। साथ ही उन्होंने आज पहली बार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को संबोधित किया, जिसमें कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य शामिल थे। यह कांग्रेस अध्यक्ष पद की ओर उनके बढ़ते रास्ते का संकेतक माना जा रहा है।

कांग्रेस के 132वें स्थापना दिवस समारोह में जाते हुए राहुल गांधी व अहमद पटेल।

अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा, ‘‘कांग्रेस का अर्थ एक-दूसरे को समझना है। कांग्रेस का अर्थ है, मैं अकेला नहीं हूं और मेरे अलावा भी कोई दृष्टिकोण है। कांग्रेस एक विचार है, कि सिर्फ मेरी मर्जी ही नहीं चलेगी। मुझे आपकी मर्जी भी जाननी होगी। कांग्रेस का अर्थ आप तक पहुंचना है, कांग्रेस का अर्थ आपको सुनना है. कांग्रेस मतलब एक-दूसरे को समझना है।''

समावेशी कांग्रेस केे विपरीत भाजपा को विभाजनकारी बल बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार आज हमारे देश के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर रही है, मोदी जी की नीतियां लोगों के बीच डर का मनोविज्ञान पैदा कर रही हैं। मोदी जी इस डर और दर्द को घृणा में बदलने का प्रयास कर रहे हैं, नोटबंदी इसका उदाहरण है।''

उन्होंने कहा, ‘‘लक्ष्य चुनिंदा लोगों की सरकार चलाना, गरीबोंं से धन छीनना और उसे कुछ लोगों में बांट देना है. डर और गुस्सा फैलाओ, तथा उसके बल पर राज करो। हमने दिखाया है कि मोदी जी पर सवाल उठे हैं और उनपर आरोप हैं, उन्हें इन सवालों के जवाब देने चाहिए।''

स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस के इतिहास की बात करते हुए राहुल ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने लोगों को स्वराज और स्वतंत्रता का अर्थ समझने में मदद की। कांग्रेस डर से लडने में मदद करती है।''

राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी संचालन किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं बल्कि सभी के लिए है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं पहले कांग्रेस के साथ देशवासियों के संबंध पर बात करना चाहूंगा। यह दर्द और भावनाएं साझा करने वाला संबंध है. यह विचार कहता है कि आप अकेले नहीं हैं, उन्होंने इस विचार को एक नाम दिया और उसे कांग्रेस कहकर पुकारा।''

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले ने गरीबों से उनका धन लूट लिया है, और इसे देश के धनी लोगों को दिए जाने की आशंका है। उन्होंने कहा कि इससे सबसे ज्यादा परेशान गरीब, किसान, मजदूर, मध्यवर्ग और आम जनता हुई है।

आज का आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विरले ही पार्टी उपाध्यक्ष कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह की अध्यक्षता करता है। पार्टी के भीतर यह मांग जोर पकड़ती जा रही है कि राहुल गांधी को अब अपनी मां सोनिया गांधी की जगह ले लेनी चाहिए, यानी उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाल लेना चाहिए। पार्टी की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था कांग्रेस कार्य समिति ने भी हाल ही में मौखिक तौर पर सोनिया गांधी से अनुरोध किया था कि वे राहुल की पदोन्नति कर दें।

समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

        

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