संसद के दोनों सदनों में नोटबंदी पर हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
Sanjay Srivastava 18 Nov 2016 1:27 PM GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)| संसद के शीत सत्र के तीसरे दिन शुक्रवार को भी दोनों सदनों में नोटबंदी का मुद्दा छाया रहा, जिसके कारण कार्यवाही बाधित हुई। विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम का पुरजोर विरोध किया।
नोटबंदी पर विपक्ष के हंगामे से लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
नोटबंदी के मुद्दे पर मतविभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराने की मांग को लेकर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों समेत विपक्षी दलों के भारी शोर-शराबे के कारण आज लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद करीब साढ़े 12 बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही स्थगित करके नोटबंदी पर चर्चा कराने के विपक्षी सदस्यों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। वहीं सरकार ने कहा कि वह नियम 193 के तहत चर्चा के लिए तैयार है। आज सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि हमने कल भी यह मुद्दा उठाया था और आज भी नोटबंदी के मुद्दे पर नियम 56 के तहत चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन का नोटिस दिया है।
उन्होंने कहा कि यह विषय काफी महत्वपूर्ण है और सभी दल चाहते हैं कि कार्य स्थगित कर चर्चा करायी जाए क्योंकि नोटबंदी के निर्णय से आम लोगों, गरीबों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खडगेजी बार-बार कार्य स्थगित करके चर्चा कराने की बात कह रहे हैं। भारत सरकार चर्चा के खिलाफ नहीं है, इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए। हम चर्चा चाहते हैं और पहले ही कह चुके हैं। पूरा देश की जनता इस विषय पर मोदीजी के साथ है।अनंत कुमार संसदीय कार्य मंत्री
इस बीच कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर भाजपा सदस्यों को ‘माफी मांगो, माफी मांगो' का नारा लगाते सुना गया।
इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल शुरू कराने का प्रयास किया लेकिन शोर-शराबा बढ़ता देख उन्होंने कहा कि आप सदन चलाना ही नहीं चाहते हैं, इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों के कार्य स्थगन के प्रस्तावों को अनुमति नहीं दी। खडगे और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने अपनी मांग दोहराई कि वह तत्काल चर्चा शुरू करने के लिए तैयार हैं लेकिन यह नियम 56 के अंतर्गत मतविभाजन वाले प्रावधान के तहत होनी चाहिए।
अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि वह पहले ही इस संबंध में स्पष्ट व्यवस्था दे चुकी हैं। संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने एक बार फिर विपक्ष से नियम 193 के तहत चर्चा में शामिल होने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत चर्चा शुरू कराने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा, ‘‘पता नहीं कि विपक्ष चर्चा क्यों नहीं चाहता?'' कुमार ने कहा, ‘‘विपक्ष कालेधन पर चर्चा से भाग रहा है।'' हालांकि विपक्षी सदस्य अपनी मांग पर कायम रहे और हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने दोपहर करीब 12:25 बजे सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही कुछ देर शून्यकाल की कार्यवाही चलाई।
ऊपरी सदन राज्यसभा में भी यह मुद्दा छाया रहा। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले पूर्वाह्न् 11.30 बजे तक के लिए और फिर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्षी दलों के सांसद सभापति की आसंदी के करीब पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
वहीं, संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उड़ी में आतंकवादी हमले में शहीद होने वाले जवानों से बैंकों व एटीएम बूथों के बाहर खड़ी भीड़ की तुलना किए जाने के लिए उनसे माफी मांगने को कहा।
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