देशभर में लागू हुआ खाद्य सुरक्षा कानून, 80 करोड़ जनता को मिलेगा फायदा : पासवान

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   3 Nov 2016 6:07 PM GMT

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देशभर में लागू हुआ खाद्य सुरक्षा कानून, 80 करोड़ जनता को  मिलेगा फायदा : पासवानराष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून नवम्बर 2016 से पूरे देश में लागू हो गया है।

नई दिल्ली (भाषा)। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून इस महीने (नवम्बर 2016) से पूरे देश में लागू हो गया है। अब देश के 36 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों के कम से कम 80 करोड़ लोग इस कानून के दायरे में आ गए हैं।

केरल-तमिलनाडु राज्य भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून में शामिल

सरकार ने आज कहा कि केरल और तमिलनाडु जैसे दो बाकी बचे दो बड़े राज्यों के शामिल होने के साथ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून इस महीने से पूरे देश में लागू हो गया है। देश की करीब तीन चौथाई आबादी को बहुत सस्ती दर पर हर माह निश्चित मात्रा में अनाज की कानूनी गारंटी वाले इस कार्यक्रम पर सरकार सालाना 1.4 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी दे रही है।

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान।

खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, जब हम सत्ता में आए तब खाद्य कानून केवल 11 राज्यों में लागू था। मुझे इस बात की खुशी है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को अब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि केवल दो राज्य केरल और तमिलनाडु छूट गए थे और उन्होंने भी नवंबर से इसे लागू कर दिया है।

इस कानून को वर्ष 2013 में पारित किया गया था। इस कानून के तहत सरकार प्रति व्यक्ति प्रतिमाह एक से तीन रुपए प्रति किलो की दर से पांच किलो खाद्यान्न देती है।

इस योजना में सब्सिडी खर्च आएगा 11,726 करोड़ रुपए प्रति माह

सब्सिडी खर्च के बारे में पासवान ने कहा, यह करीब 11,726 करोड़ रुपए प्रति माह अथवा करीब 1,40,700 करोड़ रुपए वार्षिक बैठेगा। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत 80 करोड़ लोगों को इसके दायरे में लिया गया है। पासवान ने कहा, कानून के तहत अति सब्सिडीप्राप्त खाद्यान्नों को प्राप्त करने की कानूनी अर्हता का अब 80 करोड़ लोगों तक विस्तार हुआ है जबकि इस कानून के दायरे मे कुल 81.34 करोड़ लोगों को लाने का लक्ष्य रहा है।

कानून के दायरे में आने वाले मौजूदा संख्या को देखते हुए कानून के तहत राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को मासिक खाद्यान्न आवंटन करीब 45.5 लाख टन का है।

केंद्र सरकार ने जब केरल और तमिलनाडु को गरीबी रेखा के ऊपर जीवनयापन करने वाले (एपीएल) परिवारों को एमएसपी की दर पर खाद्यान्न आपूर्ति करने का कठोर फैसला किया तो इन राज्य की सरकारों ने इस कानून को लागू करने का फैसला किया।
राम विलास पासवान खाद्य मंत्री

राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को इस कानून को लागू करने के लिए जोर देते हुए पासवान ने कहा कि सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के कामकाज में सुधार लाने और गड़बडि़यों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।

71 प्रतिशत राशन कार्ड, आधार कार्ड से संबद्ध

उन्होंने बताया कि सरकार ने अभी तक 71 प्रतिशत राशन कार्डों को आधार कार्ड से संबद्ध किया है और बाकी को भी जल्द से जल्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरुप विभिन्न राज्यों में 2.62 करोड़ राशन कार्ड निरस्त हुए हैं। उन्होंने कहा, अनाज डीलरों के दरवाजे पर भेजा जा रहा है, डीलरों के मार्जिन को बढ़ाया गया है, हम शुरू से अंत तक जोड़ने के लिए कंप्यूटरीकरण का काम कर रहे हैं। पीडीएस के सुचारू संचालन के लिए केंद्र राज्यों को किये जाने वाले परिवहन और अनाजों की देखरेख तथा डीलर के मार्जिन के खर्च को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है।

मंत्री ने कहा कि सरकार चंड़ीगढ़, पांडिचेरी और दादर एवं नागर हवेली के शहरी इलाकों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) को लागू कर रही है।


      

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