एनडीटीवी पर प्रतिबंध का अर्थ आपातकाल जैसे हालात: ममता      

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   4 Nov 2016 2:56 PM GMT

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एनडीटीवी पर प्रतिबंध का अर्थ आपातकाल जैसे हालात: ममता      पं. बंगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी।

कोलकाता (भाषा)। हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन का प्रतिबंध लगाने के फैसले को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए आज पं. बंगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि इससे इस बात की तस्दीक होती है कि देश में ‘‘आपातकाल जैसे हालात'' हैं।

मुख्यमत्री ममता बनर्जी ने एक वक्तव्य में कहा, ‘‘एनडीटीवी पर प्रतिबंध स्तब्ध कर देने वाला है। पठानकोठ घटना के कवरेज को लेकर अगर सरकार को कोई आपत्ति थी तो इसके लिए नियम कायदे मौजूद हैं, लेकिन प्रतिबंध आपातकाल जैसी स्थिति की गवाही देता है।''

अंत:मंत्रालयी पैनल कल इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि जब भारतीय वायुसेना के शिविर पर आतंकी हमला हो रहा था तब ‘एनडीटीवी इंडिया' चैनल ने महत्वपूर्ण और ‘‘रणनीतिक रूप से संवदेनशील'' सूचनाओं को प्रसारित कर दिया था।

केबल टीवी नेटवर्क (नियमन) कानून के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा था कि ‘‘भारतभर में किसी भी मंच के जरिए एनडीटीवी इंडिया के एक दिन के प्रसारण या पुन: प्रसारण पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं, यह आदेश नौ नवंबर, 2016 को रात बारह बजकर एक मिनट से 10 नवंबर, 2016 को रात बारह बजकर एक मिनट तक प्रभावी रहेगा।''

आतंकी हमलों के कवरेज को लेकर किसी भी चैनल के खिलाफ दिया गया यह इस तरह का पहला आदेश है, इस बाबत नियम पिछले साल अधिसूचित किए गए थे।

किसी बात को अपने-अपने नजरिए से देखने’’ का मामला है और जो सूचनाएं हमने प्रसारित की हैं वह पहले से ही प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया के जरिए जनता के सामने थीं।
एनडीटीवी चैनल का जवाब

राहुल गांधी ने कहा एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध स्तब्ध करने वाला और अभूतपूर्व है।

उमर अब्दुल्ला ने कहा, क्या यही वे अच्छे दिन हैं?

समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया के प्रसारण पर एक दिन की रोक लगाने के सरकारी आदेश के खिलाफ जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज केंद्र को आडे हाथों लेते हुए पूछा कि ‘‘क्या यही वे अच्छे दिन हैं'' जिनका वादा किया गया था। उमर ने ट्वीटर पर लिखा, ‘‘एनडीटीवी इंडिया का प्रसारण रोकने का आदेश, दिवंगत पूर्व सैनिक के परिवार के प्रति संवेदनाएं जताने के इच्छुक विपक्ष के नेताओं को हिरासत में लेना। अच्छे दिन, कोई है?''

       

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