पक्ष-विपक्ष की जवाबी नारेबाजी से परेशान सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित की

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   15 Dec 2016 3:44 PM GMT

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पक्ष-विपक्ष की जवाबी नारेबाजी से परेशान सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित  कीसंसद। फाइल फोटो

नई दिल्ली (आईएएनएस)| संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार को एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही अपरान्ह 12.30 बजे शुरू होने के बाद सभापति हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल का संचालन करना चाहा, लेकिन विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। कुछ सांसद उनके आसन के पास आ गए।

जनता दल युनाइटेड (जदयू) के नेता शरद यादव ने नोटबंदी की वजह से किसानों की दुर्दशा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि किसानों के कर्ज माफ किए जाने चाहिए। इसके तुरंत बाद अन्य विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। उन्होंने कहा, "किसान का कर्जा माफ करो।"

इसके जवाब में सत्तापक्ष के सांसदों ने नारेबाजी करते हुए कहा, "अगस्ता का पैसा कहां गया?" हंगामे के बीच अंसारी ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सदन की कार्यवाही दो बार पहले ही स्थगित हो चुकी थी।

सुबह 11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई सभापति ने सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को बोलने की मंजूरी दी, लेकिन सत्तापक्ष के सांसदों ने उन्हें बोलने नहीं दिया।

आजाद ने कहा, "यह सदन के संज्ञान में होना चाहिए कि सत्तारूढ़ पार्टी दोनों सदनों में कामकाज नहीं करने दे रही है। ऐसा देश के इतिहास में पहली बार हो रहा है।"

उप सभापति पी.जे.कुरियन ने विरोध कर रहे सांसदों से लगातार शांति बनाए रखने का आग्रह किया, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी।

उन्होंने कहा, "मुझे समझ नहीं आ रहा कि दोनों पक्ष सदन की कार्यवाही में बाधा उत्पन्न क्यों कर रहे हैं?" उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर विपक्षी सांसदों और सरकार ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी।

सभापति एम. हामिद अंसारी ने विरोध कर रहे सांसदों से शोर नहीं करने को कहा लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवंबर को शुरू हुआ था, लेकिन अब तक की कार्यवाही सरकार के नोटबंदी के फैसले पर हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है। संसद का मौजूदा सत्र 16 दिसम्बर यानी शुक्रवार को समाप्त हो रहा है।

    

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