नोट बंदी के बीच देश में चल रही मदद करने की बयार, कोई भरवा रहा फार्म, कहीं पिलाई जा रही चाय

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नोट बंदी के बीच देश में चल रही मदद करने की बयार, कोई भरवा रहा फार्म, कहीं पिलाई जा रही चाययूपी में कई बैंकों के बाहर ऐसे नजारे देखे जा सकते हैं।

वीरेंद्र सिंह (स्वयं डेस्क)

नई दिल्ली/लखनऊ/बाराबंकी। एक ओर जहां नोट बंदी के फैसले के बाद विभिन्न राजनीतिक दल केंद्र सरकार पर आरोपों की बरसात कर रहे हैं। वहीं, कई लोग इन बैंकों के बाहर जमा भीड़ की मदद भी कर रहे हैं, जिसमें उनके फार्म भरने से लेकर चाय पिलाना तक शामिल है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी कांग्रेसियों से अपील कर चुके हैं कि वो लाइन में खड़े लोगों की मदद करें। यूपी में चुनावी माहौल में जनप्रतिनिधियों को भी लोगों की सहानुभूति हासिल करने का मौका मिल गया है।

बैंकों के बाहर मदद का सिलसिला शहर से लेकर कस्बों तक हर जगह देखा जा रहा है। मदद करने वालों में ज्यादातर लोग नोटबंकी के समर्थन में हैं, उनका कहना है अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए उठाए गए इस क़दम में थोड़ी दिक्कत जरुर है लेकिन लोग इसके पक्ष में हैं।

राजनीतिक दलों ने भी मदद करने के साथ शुरू किया चुनाव प्रचार।

शिक्षक ने बुजुर्गों की मदद कर बदली सोच

देश में इन दिनों नोट बंदी के फैसले पर दो तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। एक ओर लोग इस फैसले का जिक्र करते ही केंद्र सरकार को कोस रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ लोग इसे फौरी तौर पर आई दिक्कत बता रहे हैं। एक-दूजे की मदद कर रहे हैं। यूपी के मोहनलालगंज क्षेत्र में बैंक के बाहर बातचीत करने पर एक शिक्षक रामवीर सिंह का लोग नाम लेते नजर आए। पूछने पर पता चला कि उन्होंने अपने पास जमा खुल्ले रुपए बुजुर्ग लोगों को देते हुए उनसे बड़े नोट ले लिए। कारण, बताया कि बुजुर्ग ग्रामीण इस फैसले के बाद काफी परेशान हैं। ऐसा करके वे उन लोगों की मदद करना चाहते थे। जब यह पूछा गया कि आप उन रुपयों का क्या करेंगे तो उन्होंने कहा कि ग्रामीणों द्वारा दिए गए रुपयों को उन्होंने बैंक में जमा करवा दिया। इसके बाद से लोगों के बीच एक ऐसा व्यवहार परिवर्तन देखा जा रहा है कि लोग बुजुर्गों व महिलाओं की मदद करने के लिए स्वत: आगे आ रहे हैं।

बैंक के बाहर लगे अशिक्षितों का भर रहे कागज

देशभर में जिस तरह से बैंकों के बाहर 500 और 1000 रुपए के नोटों को जमा करके नई करेंसी लेने के लिए भीड़ उमड़ रही है वैसा ही नजारा बीते कुछ दिनों से बाराबंकी के बेलहरा में भी है। इस बीच यहां ग्रामीणों की सुविधा का ख्याल रखते हुए भाजपा के युवा नेता व सम्भावित प्रत्याशी मनोज सिंह की एक पहल ने सभी का दिल जीत लिया है। मनोज अपने खर्च पर बैंक पहुंचे ग्रामीणों के लिए चाय-पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। साथ ही, उन लोगों की मदद भी कर रहे हैं जो बैंकिंग के फार्म आदि भर सकने में असमर्थ हैं।

लोगों से की धीरज धरने की अपील

मनोज की इस मुहिम का असर यह देखने को मिल रहा है कि लोग एक-दूसरे की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं। मनोज ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह फैसला अच्छा है। लोगों को कुछ दिनों की परेशानी के बाद काफी राहत मिलेगी। हालांकि, लोगों को धैर्य रखते हुए एक-दूसरे की मदद करते हुए स्थिति सामान्य होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए।” वे आगे कहते हैं, “हमने बैकों में आए हुए जरूरतमंदों को चाय-पानी व अपने हाथों से फार्म भरकर उनकी सहायता की और प्रधानमंत्री मोदी के फैसले पर संयम से काम करने की अपील की।”

एनजीओज ने भी बढ़ाया कदम

नई दिल्ली में भी कई गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से कुछ ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि कोई किसी का फार्म भर रहा है। कोई किसी के लिए चाय-पानी का इंतजाम कर रहा तो कोई कुछ। इस बीच राजनीतिक दलों की ओर से भी ऐसा देखा जा रहा है कि वे बैंकों के बाहर धक्के खा रही जनता को संबल देने के लिए मदद को अपने हाथ आगे बढ़ा रहे हैं।

प्रतापगढ़ में रहने वाले शिवम पांडेय अपने साथियों के साथ बैंक के बाहर लोगों की फार्म भरने से लेकर उनकी पहचान पत्र की फोटो कॉपी करने में मदद कर रहे हैं। शिवम ने फेसबुक पर लिखा कि काफी लोग इस फैसले से खुश हैं।

प्रतापगढ़ में बैंक के बाहर लोगों की मदद करते शिवप पांडे। फोटो- फेसबुक से

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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