अनेक राज्यों ने मातृत्व लाभ कार्यक्रम के लाभार्थियों का ब्यौरा नहीं दिया 

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अनेक राज्यों ने मातृत्व लाभ कार्यक्रम के लाभार्थियों का ब्यौरा नहीं दिया कुपोषण

नई दिल्ली (भाषा)। देश में बड़ी संख्या में माताओं और शिशुओं के कुपोषित होने और महिलाओं के रक्त अल्पतता से प्रभावित होने के बावजूद पिछले दो वर्षो में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल बिहार, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, उत्तराखंड जैसे राज्यों ने मातृत्व लाभ कार्यक्रम (एमबीपी) के तहत शामिल लाभार्थियों के ब्यौरे के बारे में सूचित नहीं किया।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, साल 2014-15 और 2015-16 में असम, बिहार, पंजाब, छत्तीसगढ़, गुजरात, असम, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, नगालैंड, मेघालय मणिपुर महाराष्ट्र, झारखंड, पुदुचेरी, चंडीगढ़, राजस्थान, दमन दीव, दादर नगर हवेली, अंडमान निकोबार ने मातृत्व लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत शामिल लाभार्थियों का ब्यौरा नहीं दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, असम, जम्मू कश्मीर, मणिपुर, मेघालय लक्षद्वीप ने मातृत्व लाभ कार्यक्रम के तहत 2014-15 में प्राप्त राशि की उपयोगिता के बारे में जानकारी नहीं दी। साल 2015-16 में असम, बिहार, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, पंजाब, उत्तरप्रदेश, पुदुचेरी, दादर नगर हेवली, लक्षद्वीप ने मातृत्व लाभ कार्यक्रम के तहत प्राप्त राशि की उपयोगिता की जानकारी नहीं दी।

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 (2005-06) की रिपोर्ट के अनुसार 5 वर्ष से कम आयु के 42.5 प्रतिशत बच्चों का वजन कम है और 48 प्रतिशत बच्चों का कद छोटा है।

उन्होंने हालांकि कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (2015-16) के आखिरी सर्वेक्षण के अनुसार वर्तमान उपलब्ध आंकडें हालांकि इसमें कमी के रुझान को दर्शाते हैं।

      

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