यूनाइटेड नेशंस की रिपोर्ट के मुताबिक आज करीब 1.8 अरब लोगों तक दूषित पानी पहुंच रहा है। इसे पीकर उनका शरीर कॉलरा, पेचिश, टायफॉइड और पोलियो से ग्रसित होता जा रहा है। यूएन रिपोर्ट के अनुसार, अगर स्थिति यही रही तो करीब 600 मिलियन बच्चे- यानी प्रत्येक चार में से एक- 2040 तक जल संसाधन की बहुत कम मात्रा में गुज़ारा कर रहे होंगे। यह रिपोर्ट मंगलवार को यूएन इंटरनेशनल चिल्ड्रन इमरजेंसी फंड (यूनिसेफ) ने रिलीज की है।
यूनिसेफ की एग्जक्यूटिव डायरेक्टर एंथॉनी लेक के अनुसार, ‘पानी ज़रूरी है, इसके बिना कुछ भी विकसित नहीं हो सकता लेकिन विश्व में ऐसे कई बच्चे हैं जिन तक पीने का साफ सुरक्षित पानी पहुंच ही नहीं पाता, यह उनके स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके भविष्य और जीवन को खतरे में डाल रहा है।’
वे आगे कहते हैं , ‘जब तक हम इस बारे में सामूहिक रूप से कोई एक्शन नहीं लेंगे यह समस्या सिर्फ बढ़ती चली जाएगी।’
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बढ़ती जनसंख्या के कारण पानी का सेवन ज्यादा होता है और दिन ब दिन बढ़ती मांग उपलब्ध पानी पर दबाब बनाती जा रही है। करीब 36 देशों में स्थिति खराब है। पानी की कमी के चलते ही तापमान गर्म होता जा रहा है समुद्र का लेवल गिरता जा रहा है, बर्फ पिघल रही है और सूखे की स्थिति पैदा हो रही है।
कुछ आंकड़ें
- 10 में से सिर्फ एक व्यक्ति को पीने का साफ पानी उपलब्ध है।
- दूषित पानी के चलते होने वाली बीमारियों की वजह से पांच साल से कम उम्र के 1400 बच्चे एक दिन में मौत के कगाल में समा जाते हैं।
- मुंबई में रोज़ वाहन धोने में ही 50 लाख लीटर पानी खर्च हो जाता है।
- दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे महानगरों में पाइप लाइनों के वॉल्व की खराबी के कारण रोज़ 17 से 44 प्रतिशत पानी बेकार बह जाता है।
- इज़राइल में औसतन मात्र 10 सेंटी मीटर वर्षा होती है, दूसरी ओर भारत में औसतन 50 सेंटी मीटर से भी अधिक वर्षा होने के बावजूद अनाज की कमी बनी रहती है।
- पिछले 50 वर्षों में पानी के लिए 37 भीषण हत्याकांड हुए हैं।
- भारतीय नारी पीने के पानी के लिए रोज ही औसतन चार मील पैदल चलती है।
- पानीजन्य रोगों से विश्व में हर वर्ष 22 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
- यदि ब्रश करते समय नल खुला रह गया है, तो पांच मिनट में करीब 25 से 30 लीटर पानी बरबाद होता है।
- बाथ टब में नहाते समय 300 से 500 लीटर पानी खर्च होता है, जबकि सामान्य रूप से नहाने में 100 से 150 पानी लीटर खर्च होता है।
- विश्व में प्रति 10 व्यक्तियों में से 2 व्यक्तियों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल पाता है।
- प्रति वर्ष 3 अरब लीटर बोतल पैक पानी मनुष्य द्वारा पीने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
- पृथ्वी पर पैदा होने वाली सभी वनस्पतियाँ से हमें पानी मिलता है।
- पीने के लिए मानव को प्रतिदिन तीन लीटर और पशुओं को 50 लीटर पानी चाहिए।
आंकड़ें साभार- इंडियन वाटर पोर्टल