बड़ी सफलता : पुलिस ने त्योहार से पहले तीन पाकिस्तानी जासूस पकड़े
गाँव कनेक्शन 27 Oct 2016 11:00 PM GMT

नई दिल्ली (भाषा)। भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव बढ़ने के बीच पुलिस ने पाकिस्तानी उच्चायोग के एक कर्मचारी को आईएसआई के वास्ते एक जासूसी गिरोह संचालित करते हुए संवेदनशील रक्षा दस्तावेज हासिल करने के लिए हिरासत में लिया और उसे आज तत्काल अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया।
पुलिस ने बताया कि कर्मचारी महमूद अख्तर उच्चायोग के वीजा संभाग में काम करता था और उसे राजनयिक छूट हासिल है। अख्तर भारत...पाकिस्तान सीमा पर बीएसएफ कर्मियों की तैनाती के बारे में अपने दो अन्य सहयोगियों से महत्वपूर्ण सूचना हासिल कर रहा था जिन्हें यहां गिरफ्तार कर लिया गया है।
2013 से कर रहा आईएसआई के लिए काम
जांचकर्ताओं ने कहा कि जासूसी गिरोह का सरगना बताया गया 35 वर्षीय अख्तर पाकिस्तानी सेना के बलूच रेजीमेंट का है और वह 2013 से ही गुप्तचर एजेंसी आईएसआई में प्रतिनियुक्ति पर है। जांचकर्ताओं ने कहा कि वे पाकिस्तानी उच्चायोग से और व्यक्तियों की संलिप्तता की संभावना के बारे में जांच कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बीएसएफ के कुछ कर्मियों के गिरोह में शामिल होने की संभावना से इनकार नहीं किया है क्योंकि उनका मानना है कि कर्मचारी महमूद अख्तर और उसके सहयोगियों को तैनाती के बारे में जानकारी तब तक नहीं मिल सकती थी जब तक कि बीएसएफ में कोई उन्हें वह लीक नहीं कर रहा हो।
दिल्ली चिड़ियाघर के पास से पकड़े गए दो और जासूस
अख्तर और दो अन्य व्यक्तियों-सुभाष जांगीर और मौलाना रमजान को कल सुबह करीब 10 बजे दिल्ली चिड़ियाघर से पकड़ा गया। अख्तर को करीब तीन घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया क्योंकि उसे राजनयिक छूट हासिल है। चौथे व्यक्ति शोएब को राजस्थान पुलिस ने आज शाम हिरासत में लिया और उसे दिल्ली लाया जा रहा है। शोएब जोधपुर में पासपोर्ट और वीजा एजेंट है।
शोएब कल दिल्ली चिड़ियाघर में मुलाकात के दौरान मौजूद था लेकिन वह पुलिस को चकमा देने में सफल रहा था। दिल्ली की एक अदालत ने जांगीर और रमजान को 12 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने कहा कि व्यापक षड्यंत्र का पता लगाने के लिए दोनों से हिरासत में पूछताछ जरूरी है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध शाखा) रवींद्र यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘आरोपी डेढ़ वर्ष से अधिक समय से जासूसी गतिविधियों में लिप्त थे। हम पिछले छह महीने से उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। एक विशिष्ट सूचना पर कल उन्हें पकड़ा गया। अख्तर जासूसी गिरोह का सरगना है।''
48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश
पुलिस के खुलासे के कुछ ही देर बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को अपने कार्यालय बुलाया और उन्हें बताया कि अख्तर को जासूसी गतिविधियों के लिए अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया गया है। बाद में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि अख्तर को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि अख्तर ने शुरू में महबूब राजपूत के नाम का एक आधार कार्ड दिखाया। यादव ने कहा, ‘‘उसने चांदनी चौक का निवासी होने का दावा किया लेकिन लगातार पूछताछ के बाद उसने अपना असली नाम महमूद अख्तर बताया।''
यादव ने कहा, ‘‘वह पाकिस्तान आईएसआई में सेवारत है और उसे राजनयिक छूट हासिल है क्योंकि वह दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात है। इसकी पुष्टि विदेश मंत्रालय के जरिये की गई और पुष्टि के बाद और उचित प्रक्रियाओं के तहत उसे विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में पाकिस्तान उच्चायोग के राजनयिकों को सौंप दिया गया।''
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