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अज़हर के बेटे और भाई सहित 44 आतंकवादियों को पाकिस्तान ने किया गिरफ्तार

#मसूद अज़हर

लखनऊ। जम्मू और कश्मीर राज्य के पुलवामा जिले में 14 फरवरी 2019 को हुए आत्मघाती हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों की मृत्यु हो गई। इस हमले की ज़िम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। तब से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। समाचार एजेन्सी भाषा ने अनुसार, पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के बेटे और भाई सहित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के 44 सदस्यों को मंगलवार को ऐहतियाती हिरासत (प्रवेंटिव डिटेंशन – भविष्य में होने वाली घटनाओं के अंदेशे में किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करना, शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए) में ले लिया।

पाकस्तिान ने आतंकी संगठनों पर लगाम कसने के लिए पूरी दुनिया से बन रहे दबाव के बीच यह कार्रवाई की है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा-

“सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने का फैसला किया गया। इसके अनुरूप, मुफ्ती अब्दुल रऊफ और हम्माद अजहर सहित प्रतिबंधित संगठनों के निगरानी वाले 44 सदस्यों को जांच के लिए ऐहतियाती हिरासत में लिया गया है।”

गृह राज्यमंत्री शहरयार खान अफरीदी ने संवाददाता सम्मेलन में पुष्टि की कि आतंकी संगठनों पर कार्रवाई के तहत 44 लोगों को हिरासत में लिया गया। सचिव आजम सुलेमान खान ने कहा, “हम्माद अजहर और मुफ्ती अब्दुल रऊफ मंगलवार को गिरफ्तार लोगों में शामिल हैं। हम्माद, मसूद अजहर का बेटा है जबकि रऊफ उसका भाई है।”

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खान ने आगे बताया कि भारत द्वारा पिछले सप्ताह पाकिस्तान को सौंपे गए डॉजियर में रऊफ और हम्माद अजहर के नाम शामिल थे। इसका यह अर्थ नहीं कि केवल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है जिनके नाम डॉजियर में शामिल हैं। यह कार्रवाई ऐसे समय की गई है जब भारत और पाकस्तिान के बीच तनाव का माहौल है। भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को एक डॉजियर सौंपा था जिसके बाद इस्लामाबाद पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा आतंकवादी के रूप में चिन्हित व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बना।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पिछले सप्ताह स्वीकार किया था कि जैश ए मोहम्मद का सरगना पाकिस्तान में ही है और वह बहुत बीमार है। कुरैशी ने कहा कि अगर भारत अदालत में टिकने लायक ठोस सबूत देता है, तभी सरकार उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। कुरैशी ने सीएनएन को दिए साक्षात्कार में कहा, “मेरी जानकारी के अनुसार, वह पाकिस्तान में है। वह इतना बीमार है कि अपना घर छोड़कर नहीं जा सकता।”

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गृहराज्य मंत्री अफरीदी ने कहा कि यह कार्रवाई किसी दबाव में नहीं की गई है। यह हमारी पहल है। हम किसी देश के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे। गृह सचिव खान ने कहा, “राष्ट्रीय कार्रवाई योजना के तहत सभी प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

यह योजना 2014 में पेशावर के एक सेना स्कूल पर हुए हमले के बाद बनाई गई थी। इस हमले में ज्यादातर बच्चों सहित करीब 150 लोग मारे गये थे। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह तक अभियान जारी रहेगा और साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

पाकिस्तान ने जमात-उद-दावा और फला-ए-इंसानियत फाउंडेशन संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया है।

इसके पहले एक सवाल के जवाब में, गृह सचिव खान ने कहा था, “हाफिज सईद जमात उद दावा और इसकी चैरिटी शाखा फला ए इंसानियत फाउंडेशन को 24 घंटों के भीतर प्रतिबंधित किया जाएगा।” पाकिस्तानी सरकार ने 21 फरवरी को घोषणा की थी कि वह जमात उद दावा और फला ए इंसानियत फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगाएगी। हालांकि राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण की वेबसाइट के अनुसार, जमात उद दावा और फला ए इंसानियत फाउंडेशन अब भी निगरानी सूची में हैं।

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इससे एक दिन पहले, पाकिस्तान में सोमवार को व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू करने हेतु प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए एक कानून लाया गया था। इस आदेश की व्याख्या करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि इसका मतलब हुआ कि सरकार ने देश में सक्रिय सभी प्रतिबंधित संगठनों की संपत्तियों को अपने नियंत्रण में ले लिया है।

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