नई दिल्ली (भाषा)। पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित किए जाने का एक निजी विधेयक राज्यसभा में शुक्रवार को पेश किया गया।
निर्दलीय सदस्य राजीव चंद्रशेखर ने आतंकवाद प्रायोजक देश की घोषणा विधेयक, 2016 उच्च सदन में पेश किया। यह निजी विधेयक पेश करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान में स्थित तत्वों की आतंकवादी गतिविधियों का लगातार शिकार होता रहा है। उन्होंने कहा कि ठोस सबूत होने के बाद भी पाकिस्तान ने ऐसे तत्वों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
इस क्रम में उन्होंने संसद पर हमला, मुंबई आतंकी हमला सहित विभिन्न आतंकवादी घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले साल ही पठानकोट, गुरदासपुर और माछिल सहित कई आतंकवादी हमले हुए।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का रिकॉर्ड है कि वह कई दशकों से भारत में आतंकवाद को प्रश्रय देता रहा है। उन्होंने मांग की कि पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित किया जाए और उससे आर्थिक व व्यापारिक संबंध समाप्त किए जाएं। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि पाकिस्तान को दिए गए सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) के दर्जे पर भारत पुनर्विचार करे। उन्होंने पाकिस्तान के नागरिकों पर विधिक, आर्थिक और यात्रा प्रतिबंध लगाए जाने की भी मांग की।
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के आनंद भास्कर रापोलू ने पाकिस्तान के बारे में रुख को लेकर सरकार की आलोचना की और द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट को लेकर सवाल किए। उन्होंने पाकिस्तानी अधिकारियों को जांच के लिए भारत आने की अनुमति देने के फैसले पर भी सवाल किए।
आतंकवाद विरोधी बातचीत के लिए चीन, पाकिस्तान भेजेगा अधिकारी
बीजिंग (भाषा)। जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को नजरबंद किए जाने के पीछे अपने होने से संबंधित खबरों को तवज्जो नहीं देते हुए चीन ने कहा कि वह आतंकवाद के मुकाबले को लेकर बातचीत के लिए अपने एक वरिष्ठ अधिकारी को पाकिस्तान भेज रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बताया कि विदेश उप मंत्री चेंग गुओपिंग आतंकवाद विरोधी लड़ाई पर बातचीत के लिए पाकिस्तान का दौरा करेंगे।
उनसे सवाल किया गया था कि क्या पाकिस्तान के साथ बातचीत में पाकिस्तानी सरजमीं पर मौजूद चरमपंथी समूहों और अफगानिस्तान एवं भारत की चिंताओं पर भी चर्चा होगी। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड सईद को नजरबंद किए जाने के पीछे बीजिंग के होने के बारे में पूछे गए सवाल पर लू ने प्रतिक्रिया दी।
लू ने कहा, ‘लंबे समय से पाकिस्तान ने आतंकवाद से मुकाबले को लेकर बहुत प्रयास किया है और बलिदान दिया है।’ सईद की नजरबंदी पाकिस्तान का अपना फैसला होने का संकेत देते हुए उन्होंने कहा, ‘चीन आतंकवाद विरोधी लडाई में पाकिस्तान की ओर से तय की जाने वाली स्वतंत्र रणनीतियों का समर्थन करता है तथा आतंकवाद विरोधी मुकाबले पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग में खुद को जोड़ता है।’