तमिलनाडु सीएम ने मोदी को लिखा पत्र, जल्लीकट्टू लागू करने के लिए अध्यादेश लाने पर विचार हो

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तमिलनाडु सीएम ने मोदी को लिखा पत्र, जल्लीकट्टू लागू करने के लिए अध्यादेश लाने पर विचार होतमिलनाडु का पारंपरिक खेल है जल्लीकट्टू

चेन्नई (भाषा)। इस साल तमिलनाडु में बैल को काबू करने वाले खेल जल्लीकट्टू के आयोजन के पक्ष में उठती आवाजों के बीच तमिलनाडु सरकार ने केंद्र से अपील की है कि वह राज्य में अगले सप्ताह इस खेल के आयोजन से जुड़ी कानूनी बाधाएं मिटाने के लिए एक अध्यादेश लाने पर विचार करे।

मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा, ‘पूरे तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के आयोजन से जुड़ी भावनाओं और समर्थन को ध्यान में रखते हुए यह एक ऐसा मामला है, जिसपर भारत सरकार को अधिकतम तेजी से काम करना चाहिए।’ उन्होंने पत्र में कहा, ‘तमिलनाडु के लोगों के लिए बेहद महत्व रखने वाला त्योहार पोंगल आने में एक सप्ताह से भी कम समय है और जल्लीकट्टू पोंगल के जश्न का एक अभिन्न हिस्सा है। इस मामले की तत्कालिकता को देखते हुए भारत सरकार को वर्ष 2017 में पोंगल के दौरान जल्लीकट्टू के आयोजन के सामने आने वाली कानूनी बाधाएं हटाने के लिए अध्यादेश लाने पर विचार करना चाहिए।'

जयललिता चाहती थीं जल्लीकट्टू से प्रतिबंध हटे

पनीरसेल्वम ने याद करते हुए कहा कि उन्होंने और उनकी पूर्ववर्ती दिवंगत जे जयललिता ने मोदी के सामने यह मांग रखी थी कि केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को वर्ष 2011 की मंत्रालय की अधिसूचना में बैलों को करतब दिखाने वाले पशुओं की सूची से स्पष्ट रूप से अधिसूचना लाकर बाहर कर देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अन्य मांग यह थी कि एक नया प्रावधान ‘एफ' लाकर पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम कानून, 1960 की धारा 11(3) में पर्याप्त संशोधन किया जाए, जो कानून में दी अन्य छूटों के अलावा खासतौर पर जल्लीकट्टू को छूट देता हो।'

क्या है जल्लीकट्टू

जल्लीकट्टू तमिलनाडु का चार सौ वर्ष से भी पुराना पारंपरिक खेल है, जो फसलों की कटाई के अवसर पर पोंगल के समय आयोजित किया जाता है। इसमें 300-400 किलो के बैलों की सींगों में सिक्के या नोट फंसाकर रखे जाते हैं और फिर उन्हें भड़काकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है, ताकि लोग सींगों से पकड़कर उन्हें काबू में करें।
कथित तौर पर पराक्रम से जुड़े इस खेल में विजेताओं को नकद इनाम वगैरह भी देने की परंपरा है।

वर्ष 2014 में लगा था प्रतिबंध

नवंबर में उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें न्यायालय के वर्ष 2014 के फैसले की समीक्षा का अनुरोध किया गया था। वर्ष 2014 के फैसले में न्यायालय ने राज्य में जल्लीकट्टू आयोजनों में बैलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था।

कमल हासन उतरे जल्लीकट्टू के समर्थन में

तमिल अभिनेता कमल हासन ने भी जल्लीकट्टू के समर्थन में कहा है कि वह इस खेल के प्रशंसक हैं और चाहते हैं इससे प्रतिबंध हटाया जाए। कमल हासन ने एक टीवी न्यूज चैनल में कहा कि अगर जल्लीकट्टू पर बैन लगता है तो फिर बिरयानी पर भी बैन लगना चाहिए।

     

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