सूबे में 4.30 लाख लोगों को प्रधानमंत्री तो 58 हजार बनेंगे लोहिया आवास

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सूबे में 4.30 लाख लोगों को प्रधानमंत्री तो 58 हजार बनेंगे लोहिया आवासप्रतीकात्मक तस्वीर।

अजय मिश्र

कन्नौज। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 4,30,064 आवास बनेंगे। हर जनपद का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। सबसे अधिक लाभ अनुसूचित जाति के लोगों को मिलेगा। जनजाति की आबादी कम होने की वजह से लक्ष्य सबसे कम है। वहीं, लोहिया आवास का लक्ष्य केवल 57,915 ही है।

वर्ष 2016-17 के संशोधित लक्ष्य पर मुहर लग गई है। सूबे में अनुसूचित जाति के लिए 2,50,792 आवास दिए जाएंगे। अल्पसंख्यक वर्ग के लिए 1,17,934 आवास मयस्सर हो सकेंगे। अन्य के लिए 54,092 आवास और अनुसूचित जनजाति के लिए 7,246 आवास मिलेंगे। प्रमुख सचिव दीपक त्रिवेदी ने सभी मंडलायुक्त और डीएम को शासनादेश जारी कर दिया है। कन्नौज में कुल आवास 3,770 बनेंगे। इसमें अनुसूचित जाति को 2,369, अल्पसंख्यक वर्ग को 789 और अन्य को 623 आवास मिलेंगे।

दूसरी ओर लोहिया आवास योजना के तहत छह जनपदों का लक्ष्य संशोधित किया गया है। अब 605 आवास औरैया में बनेंगे। 1,017 आवास बलिया, 1100 आवास गाजीपुर, 1,018 आवास रायबरेली, 1,018 आवास प्रतापगढ़ एवं 1,182 आवास गोण्डा में बनेंगे। सूबे में कुल 57,915 आवास लोहिया योजना के तहत बनाए जाएंगे। प्रमुख सचिव दीपक त्रिवेदी ने जारी किए शासनादेश में हवाला दिया है कि 2106 लोहिया गाँव में 52,650 आवास बनेंगे। इसका 10 फीसदी 5,265 आवास डीएम कोटा भी अलग से निर्धारित किया गया है। इसमें 23.5 फीसदी लक्ष्य अनुसूचित जाति को 13,610 आवास, 20 फीसदी अल्पसंख्यक वर्ग को 11,583 और अन्य वर्ग के लाभार्थियों को 32,722 आवास मिलेंगे।

मोदी की काशी को 743 तो मुलायम के आजमगढ़ को 1,265 आवास

सूबे में जो लक्ष्य निर्धारित किया गया है, उस हिसाब से सबसे कम 220 आवास गौतमबुद्धनगर को मिले हैं। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ को सबसे अधिक 1,265 आवास दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी यानि काशी को 743 आवास आवंटित हुए हैं। जौनपुर को 1,238, कुशीनगर को 1,127 और हरदोई को 1,100 आवास मिले हैं। सांसद डिम्पल यादव के संसदीय क्षेत्र वाले जिले कन्नौज 605 आवास दिए गए हैं। इतने ही आवास पड़ोसी जिले औरैया को मिले हैं।

प्रधानमंत्री आवास से कहीं अधिक है लोहिया आवास की चाहत

प्रधानमंत्री आवास योजना के सापेक्ष लोहिया आवास पर ग्रामीणों की टकटकी अधिक है। कारण निर्माण कार्य के लिए मिलने वाली धनराशि करीब तीन गुना अधिक है। इसलिए अधिक लाभ वाली योजना के पीछे दौड़ अधिक है। हालांकि ऐसे आवासों की संख्या कम है। भारत सरकार ने पहले इंदिरा आवास योजना चलाई थी। इसका नाम बदलकर अब प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया है। इसमें लाभार्थी को करीब 1.20 लाख रुपए दिया जाता है। दूसरी ओर राज्य सरकार ने लोहिया आवास योजना चलाई है। इसका लाभ केवल लोहिया ग्राम के ही निवासियों को दिया जाता है, लेकिन इस योजना में करीब 3.30 लाख रुपए लाभार्थी को मिलता है। इसमें सोलर लाइट, पंखा और बल्व आदि की फिटिंग भी होती है। प्रधानमंत्री आवास योजना से कहीं अधिक बड़ा घर भी होता है। सुविधाएं अधिक और घर बड़ा होने की वजह से लोग लोहिया आवास के चक्कर में अधिक रहते हैं, लेकिन चयनित लोहिया गाँव के वाशिंदों को ही इस योजना का लाभ मिलता है। जबकि प्रधानमंत्री आवास में ऐसा नहीं है।

  

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