500 और 2,000 की हर नोट पर खर्च हुए हैं पौने तीन से पौने चार रुपये

आरबीआई

नई दिल्ली ( भाषा )। नोटबंदी का मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है। राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को पांच राज्यों में जमकर भुनाया है। बीजेपी ने जहां इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ हथियार बताया वहीं विपक्षियों ने इसे जनता को परेशान करने का जरिया। हालांकि जो नतीजे आए हैं उन्होंने इस बात पर मुहर लगाई है कि जनता ने नोटबंदी को सकारात्मक रुप मेें लिया है।

सरकार ने बुधवार को कहा कि 500 रपये और 2,000 रपये के प्रत्येक करेंसी नोट को छापने पर 2.87 रपये से 3.77 रपये की लागत बैठती है, लेकिन सरकार ने पुराने नोटों को नये नोटों से बदलने पर आई कुल लागत के बारे में कोई संकेत नहीं दिया।

एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 500 रपये के प्रत्येक नोट को छापने पर करीब 2.87 रपये से 3.09 रपये की लागत बैठती है तथा 2,000 रपये के प्रत्येक नोट को छापने पर करीब 3.54 रपये से 3.77 रपये की लागत बैठती है।

उन्होंने कहा कि 500 रपये और 2,000 रपये के नये नोटों को छापने पर आने वाली कुल लागत के बारे में संकेत देना अभी जल्दबाजी होगी क्योंकि अभी भी इनकी छपाई की जा रही है।

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