नई दिल्ली (भाषा)। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने रेलवे से यात्री किरायों में बढ़ोत्तरी करने और रियायती पास में कटौती करने का सुझाव दिया है। कैग का मानना है कि रेलवे को अपनी परिचालन लागत निकालने के लिए चरणबद्ध तरीके से यात्री किराये में बढ़ोतरी करनी चाहिए।
कैग की संसद में पेश ताजा रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘रेलवे को यात्री और कोच की अन्य दरों को नए सिरे से तय करना चाहिए जिससे उपनगरीय ट्रेन सेवाओं की परिचालन की लागत निकाली जा सके। इसके अलावा विभिन्न श्रेणियों के यात्रियों के लिए रियायती पास में भी कटौती किए जाने की जरुरत है।” इसके साथ ही कैग ने रेलवे द्वारा उत्पादकता में सुधार की भी वकालत की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले कुछ साल से रेलवे की उत्पादकता में लगातार गिरावट आ रही है। इसके अलावा रेलवे को लेखे में वर्गीकरण में गड़बड़ी पर भी अंकुश लगाना चाहिए।
वर्ष 2010-11 से 2014-15 के दौरान लेखे में वर्गीकरण में खामी और गलतियों के 560 मामले आए। यह गड़बड़ी 3,548.95 करोड़ रुपए की थी, जिसे रेलवे ने स्वीकार भी किया है। कैग के आडिट के अनुसार इन 560 मामलों में से 426 मामले 3,031.36 करोड़ रुपए के हैं जो छह जोनल रेलवे से संबंधित हैं।