बालिका दिवस पर एक दिन की मंत्री बनीं ये तीन बालिकाएं, मोबाइल बांटने की योजना को दी मंजूरी

Ashish DeepAshish Deep   24 Jan 2017 9:47 PM GMT

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बालिका दिवस पर एक दिन की मंत्री बनीं ये तीन बालिकाएं, मोबाइल बांटने की योजना को दी मंजूरीतीनों बालिकाओं ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन प्रदान करने की योजना को मंजूरी दी। फोटो : साभार दैनिक भास्कर

जयपुर (भाषा)। राजस्थान में एक अनोखी पहल के तहत पहली बार राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर तीन बालिकाओं को एक दिन के लिये मंत्री बनाया गया है.

गरिमा बालिका संरक्षण सम्मान के तहत महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री अनिता भदेल ने अपने मंत्रालय का प्रभार राजसमंद की जशोदा गमेती, टोंक की सोना बैरवा और प्रीती कंवर राजावत को एक दिन के लिये सौंपा।

तीनों बालिकाओं ने मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 10 हजार 500 मोबाइल फोन और 282 महिला सुपरवाइजर्स को आई पैड वितरण करने की योजना स्वीकृत की। भदेल ने एक दिन के लिये मंत्री बनी तीनों बालिकाओं को मंत्रालय के कार्यकलापों के बारे बताया। तीनों बालिकाओं ने बाल विवाह के विरोध में आवाज उठायी।

अवसर पर भदेल ने कहा, ‘‘हम संदेश देना चाहते हैं कि लड़कियां कहीं भी लड़कों से कम नहीं हैं। यदि उन्हें स्वतंत्रता दी जाये तो तो वे ऊंची उड़ान भर सकती है। उन्हें आगे बढ़ाने में समाज को समानता के अवसर देने चाहिए ताकि उनमें अपने आप को साबित करने के लिये आत्मविश्वास विकसित हो सके।''

इससे पूर्व भदेल ने राज्य स्तरीय समारोह में समाज में बालिकाओं के प्रति मानसिकता में बदलाव जाने की आवश्यकता बताते हुए कहा बालिकाओं को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने विभिन्न योजनाएं चला रखी है। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव कुलदीप रांका, एकीकृत बाल विकास सेवाओं के निदेशक समित शर्मा और स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे।

बाल विवाह के खिलाफ थीं तीनों बालिकाएं

जशोदा का विवाह 15 वर्ष में गरीबी के चलते परिजनों ने करवा दिया था लेकिन उसने ससुराल वालों से संघर्ष करते हुए रिश्ता तोड़ा। उसने बाल विवाह जैसी कुरीति से लड़ने का साहस दिखाया। वहीं सोना बैरवा की भी शादी छह वर्ष में करा दी गई थी। उसने भी ससुराल जाने से इंकार किया और अब वो स्नातक है। कंवर का विवाह भी 16 वर्ष की उम्र में कराया जा रहा था लेकिन उसने विरोध जताया और स्नातक की डिग्री ली।





   

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