रेलवे को सक्षम बनाने के लिए सुधार जारी- प्रभु

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नई दिल्ली (भाषा)। ‘‘रेलवे को आधुनिक, सक्षम और बेहतर बनाने के लिए सुधार का कार्य जारी है और हम सुस्पष्ट रोडमैप के आधार पर काम कर रहे हैं, ताकि रेलवे को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाया जा सके। इसके परिणाम सामने आ रहे हैं लेकिन इसमें थोडा समय लगेगा.’’ यह बातें रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने लोकसभा में कही।

वर्ष 2017- 18 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए प्रभु ने कहा, ‘‘हम रेल में सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं , जो इतने सालों से नहीं की गई। इस संदर्भ में हम समयबद्ध तरीके से परियोजनाओं का कार्य आगे बढ़ाने, सुरक्षा मानदंडों को पूरा करने, सभी मानवरहित समपारों को समाप्त करने, रेलवे की समयबद्धता का अनुपालन सुनिश्चित करने, ट्रेनों की रफ्तार बढाने तथा रेलवे में निवेश को बढाने जैसी पहलों को तत्परता से आगे बढा रहे हैं।’’

रेल मंत्री ने कहा कि हमने रेलवे से शून्य कचरा उत्सर्जन सुनिश्चित करने पर जोर दिया है और इसे 2019 तक हासिल करने का लक्ष्य रखा है। पांच वर्षों में ब्रॉड गेज कनेक्टिविटी को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में सड़क परिवहन की तुलना में रेलवे के निवेश में लगातार गिरावट दर्ज की गई और चीन से तुलना करें तब चीन ने हमसे दो गुणा से भी अधिक निवेश बढाया।

रेलवे में हो रहा है बदलाव।

प्रभु ने कहा कि इस स्थिति को देखते हुए हमारी सरकार ने पांच वर्षों में 8.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य बनया और पिछले ढाई वर्षों में 3.5 लाख करोड रुपए के निवेश की ओर बढ रहे हैं। आने वाले समय में इसका परिणाम दिखने लगेगा। सुरेश प्रभु के जवाब के बाद सदन ने रेलवे की अनुदान मांगों को मंजूरी दे दी।

रेल पटरियों के दोहरीकरण और तिहरीकरण पर दिया जोर

लोससभा में बोलते हुए सुरेश प्रभु ने कहा, ‘‘हमने सबसे अधिक जोर रेल पटरियों के दोहरीकरण और तिहरीकरण पर दिया और इस साल हम 2800 किलोमीटर के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में बढे हैं।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से आज तक 15 हजार किलोमीटर रेल ट्रैक के दोहरीकरण एवं तिहरीकरण का कार्य किया गया। जबकि 2015 के बाद से आज तक हम 12700 किलोमीटर ट्रैक के दोहरीकरण एवं तिहरीकरण की दिशा में आगे बढे हैं।

विद्युतीकरण की दिशा में हम तेजी से हुआ काम

सुरेश प्रभु ने कहा कि विद्युतीकरण की दिशा में हम तेजी से आगे बढे हैं और 2016-17 में 2000 किलोमीटर तथा 2017-18 में 4000 किलोमीटर रेल ट्रैक का दोहरीकरण कार्य आगे बढाया गया है। आने वाले 5 वर्षों में अब तक हुए विद्युतीकरण का दोगुना कार्य करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही ब्रॉड गेज कनेक्टिविटी को पूरा करने की दिशा में आगे बढ रहे हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में हमने 8 ब्रॉड गेज कनेक्टिविटी लाइनों को पूरा किया है।

उन्होंने कहा कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को प्रतिबद्धता से पूरा करने की दिशा में बढ रहे हैं। ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ाने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये रखा है।

प्रभु ने कहा कि रेलवे के संसाधान लगातार कम हो रहे हैं क्योंकि इस विषय पर उपयुक्त एवं संगत तरीके से निर्णय नहीं हुए। समस्या का मूल कारण यह है कि जहां निवेश करना चाहिए था, वहां निवेश नहीं किया गया।

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