संसद में हंगामों से आई विधायी कार्यों में गिरावट, 1976 में हुए थे सर्वाधिक 118 विधेयक पारित 

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संसद में हंगामों से आई विधायी कार्यों में गिरावट, 1976 में हुए थे सर्वाधिक 118 विधेयक पारित हाल के वर्षों में संसद के विधायी कार्यों में कमी आई है

नई दिल्ली (भाषा)। संसद के दोनों सदनों में पिछले करीब दो दशकों में बैठकों की संख्या और पारित विधेयकों की संख्या में गिरावट का चलन सामने आया है। संसद के अब तक के इतिहास में साल 1976 में सबसे अधिक 118 विधेयक पारित हुए जिस साल देश में आपातकाल था।

साल 1976 में लोकसभा की 98 बैठकें और राज्यसभा की 84 बैठकें हुईं और इस साल दोनों सदनों में 118 विधेयक पारित किए गए।

सबसे कम विधेयक 2004 में पारित हुए

साल 2004 में सबसे कम 18 विधेयक पारित हुए। संसदीय कार्य मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2004 में संसद के दोनों सदनों में सबसे कम 18 विधेयक पारित हुए और इस साल लोकसभा की 48 बैठकें और राज्यसभा की 46 बैठकें हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले करीब दो दशकों में कुछ वर्षों को छोड़कर संसद के सदनों की बैठकों और पारित विधेयकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई।

मसलन 2010 में 43 विधेयक पारित हुए जो 2011 में घटकर 36 रह गए और 2012 में और घटकर 32 हो गए। 2013 में पारित विधेयकों की संख्या 29 हो गई और 2014 में इसमें थोड़ा सुधार हुआ और इस साल 38 विधेयक पारित हुए जो 2015 में घटकर 35 रह गए।

साल 1956 में लोकसभा की 151 बैठकें और राज्यसभा की 113 बैठकें हुई और इस साल दोनों सदनों में 106 विधेयक पारित हुए। 1952 में लोकसभा की 103 बैठकें और राज्यसभा की 60 बैठकें हुई और इस साल दोनों सदनों ने 82 विधेयक पारित हुए।

हाल के समय में हंगामे के कारण कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पायी है, हालांकि सरकार का प्रयास है कि सभी दलों को साथ लेकर सुचारू रूप से कामकाज चलाया जा सके।
मुख्तार अब्बास नकवी, संसदीय कार्य राज्य मंत्री

1985, 1971 व 1972 मेें भी हुए अधिक विधेयक पारित

जिन वर्षों में अधिक विधेयक पारित हुए उनमें 1985 में 92 विधेयक पारित हुए जबकि 1971 में 87 विधेयक, 1972 में 82 विधेयक पारित हुए। साल 1953 में लोकसभा की 137 बैठकें और राज्यसभा की 100 बैठकें हुई और इस साल दोनों सदनों ने 58 विधेयक पारित किए। इसी प्रकार से 1954 में लोकसभा की 137 बैठकें और राज्यसभा की 103 बैठकें हुई और इस साल दोनों सदनों में 54 विधेयक पारित हुए।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बैठकों और पारित विधेयकों की संख्या में कमी आने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि हाल के समय में हंगामे के कारण कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पायी है, हालांकि सरकार का प्रयास है कि सभी दलों को साथ लेकर सुचारू रूप से कामकाज चलाया जा सके।

         

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