रूस संसद की काउंसलर का बुंदेलखंड के युवक पर आया दिल, शादी की इलाके भर में चर्चा

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रूस संसद की काउंसलर का बुंदेलखंड के युवक पर आया दिल, शादी की इलाके भर में चर्चारुस की अनस्तस्था मिनिरोवा और सागर के नरेंद्र की गोवा में हुई थी पहली मुलाकात।

कम्यूनिटी जनर्लिस्ट: अरविंद सिंह परमार

सागर ( मध्यप्रदेश)। कहते हैं प्यार पर न कोई जोर होता है न इसकी सीमाएं। बुंदेलखंड के नंदू गोवा में घर चलाने के लिए वेटर की नौकरी कर रहा था वहां उसकी जिंदगी बदल गई है। कुछ महीने पहले अपनी बोट में जिस रुसी टूरिस्ट को वो घुमाने ले गया था आज वो उसकी पत्नी है। दोनों की शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।

बृहस्पतिवार को मध्यप्रदेश के सागर जिले की कचहरी में उस वक्त लोग हैरान रह गए जब नंदू उर्फ नरेंद्र लोधी (27 वर्ष) अपने प्यार और पत्नी अनस्तस्था मिनिरोवा (25 वर्ष) के साथ शादी का रजिस्ट्रेशन करने पहुंचे। मिनिरोवा कोई सामान्य युवती नहीं हैं वो रूस में संसद की आर्थिक विभाग में सलाहकार हैं।

बुंदेलखंड के सागर जिले के चितौरा बेरखेडी गाँव निवासी नरेंद्र लोधी काफी गरीब परिवार से हैं। पिता काशीराम किसान हैं। पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं थी इसलिए कुछ महीने वक्त पहले वो नौकरी के लिए गोवा चला गया।

तस्वीरों में मिनिरोवा और नरेंद्र।

पहली मुलाकात में हुआ प्यार

शादी और प्यार के बारे में पूछने पर नरेंद्र मुस्कुराते हुए बताते हैं, "गोवा में तीन साल से काम कर रहा हूँ। पहले बोट चलाने का काम सीखा, पर्यटकों को समुद्र में घुमाता था। इसी दौरान वेटर का काम मिल गया जहां, अनस्तस्था मिनिरोवा से पहली मुलाकात हुई। धीरे-धीरे बात और मुलाकातें बढ़ीं तो हम दोनों प्यार करने लगे। जिसके बाद इसी वर्ष 10 अगस्त मॉस्को में जाकर हमने शादी कर ली।”

नंदू ने सीखी रशियन तो मिनिरोवा ने हिंदी

नंदू के प्यार में मिनिरोवा ने टूटी-फूटी हिंदी सीख ली है। वो बताती हैं, “ अगस्त के महीने में गोवा घूमने आईं थीं। जहां नरेन्द्र से मुलाकात हुई, मैंने जीवनसाथी के रूप मे चुना। नंदू को रुस की नागरिकता के लिए शादी के रजिस्ट्रेशन जरुरी है इसलिए यहां (कोर्ट आए) हैं।

सागर की एडीएम कोर्ट में शादी के रजिस्ट्रेशन के लिए दोनों ने हाजिर होकर आवेदन किया। शादी से नरेंद्र के पिता काशीराम समेत पूरा परिवार काफी खुश है। आठवीं पास नरेंद्र जल्द रुस की सदस्यता लेकर अप्रवासी भारतीय बनेगा।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

        

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