योगी सरकार बनते ही इलाहाबाद में बूचड़खाने सील, अलीगढ़ में हैं सबसे ज्यादा बूचड़खाने

Diti BajpaiDiti Bajpai   20 March 2017 7:01 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
योगी सरकार बनते ही इलाहाबाद में बूचड़खाने सील, अलीगढ़ में हैं सबसे ज्यादा बूचड़खानेभाजपा ने चुनावी घोषणापत्र में कही थी कार्रवाई करने की बात।

स्वयं प्रोजेक्ट

लखनऊ। प्रदेश में अवैध रुप से चल रहे कत्लखानों की उल्टी गिनती शुरु हो गई है। योगी सरकार के आते ही सोमवार को इलाहाबाद नगर निगम ने दो बूचड़खानों को सील करवा दिया है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी की सरकार बनने पर कहा था ‘‘उत्तर प्रदेश में जिस दिन भाजपा का मुख्यमंत्री शपथ लेंगे, रात बारह बजे के पहले राज्य के सारे कत्लखाने बंद कर दिए जाएंगे। पार्टी का दावा है कि बड़े पैमाने पर हत्या और तस्करी (जानवरों की) के कारण राज्य में पशुओं की संख्या में भारी गिरावट हुई है।

मीट निर्यात करने वाले उन्नाव जिले के इमरान अली खान बताते हैं, “एक कंपनी को चलाने के लिए जिन कानूनों का पालन करना होता है वो हमारी कंपनी करती है। सरकार के इस फैसले से कंपनी में काम करने वाले हजारों लोगों की आमदनी पर असर पड़ेगा। वो लोग बेरोजगार हो जाऐंगे। जिस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है।”

वर्तमान समय में भारत में कुल 3600 बूचड़खाने सिर्फ नगरपालिकाओं द्वारा चलाये जाते हैं। इनके अलावा ‘आल इंडिया मीट एंड लाइवस्टॉक एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन’ के द्वारा 42 बूचड़खाने संचालित किये जाते हैं जहां से सिर्फ निर्यात किया जाता है। 32 ऐसे बूचड़खाने हैं जो भारत सरकार के एक विभाग के अधीन हैं। महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तर प्रदेश तीन ऐसे प्रमुख राज्य हैं जहाँ से सबसे ज़्यादा भैंस के मांस का निर्यात होता है। उत्तर प्रदेश में 317 पंजीकृत बूचड़खाने है।

वृंदावन में गोरक्षा एंबुलेस सर्विस के सचिव आनंद सिंह बताते हैं, “भाजपा सरकार यह कदम सराहनीय है। अभी तक पशु तस्करी करने वालों के ऊपर कोई कड़ी कानूनी कार्रवाई नहीं होती थी। मैंने सैकड़ों की संख्या में पशु तस्करों को पकडाया है पर पैसे देकर ही मामला रफा-दफा कर देती है पुलिस। इस फैसले से जो पशु तस्करी करते है वो भी डरेंगे। ज्यादातर कत्लखानों में गाय-बैल को बड़ी संख्या में काटा जा रहा है।”

भारत दुनिया का सबसे बड़ा मांस निर्यातक बन चुका है। भारत के पहले नंबर पर आने की वजह यह है कि यहां का मांस सस्ता होता है क्योंकि यहां दूध न देने वाले या बूढ़े पशुओं को काट देते हैं, जबकि ब्राजील व दूसरे देशों में मांस के लिए ही पशुओं को पाला जाता है जिन्हें खिलाने का खर्च काफी आ जाता है।

उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक अलीगढ़ में 7 कत्लखाने, गाजियाबाद में 5, उन्नाव में 4 मेरठ में 3 और सहारनपुर में 2 कत्लखाने है। इसके अलावा बाराबंकी, बुंलदशहर, मुज्ज्फरनगर, गौतमबुद् नगर, हापुड़, बरेली, लखनऊ और मुरादाबाद में एक कत्लखाना है।

उन्नाव जिले के हनुमंत जीव आश्रय संस्थापक अखिलेश अवस्थी ने बताया, बड़े स्तर पर गौवंश का क़त्ल हो रहा है जिस पर सरकार का कोई ध्यान ही नहीं था। सिर्फ कागजों पर दूध उत्पादन बढ़ रहा है। अगर कत्लखाने बंद होते हैं तो मवेशियों की संख्या बढ़ेगी ही साथ ही दूध उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी। सरकार के इस फैसले को प्रदेश की जनता दिल से स्वीकार करेगी।

          

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.