ओडिशा अस्पताल त्रासदी: ट्रस्टी मनोज रंजन ने किया आत्मसमर्पण

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ओडिशा अस्पताल त्रासदी: ट्रस्टी मनोज रंजन ने किया आत्मसमर्पणसम अस्पताल के ट्रस्टी मनोज रंजन ने किया आत्मसमर्पण।

भुवनेश्वर (भाषा)। सम अस्पताल चलाने वाले शिक्षा और अनुसंधान चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज रंजन नायक ने आज पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। सम अस्पताल में आग लग जाने पर 21 लोग मारे गए थे।

नायक की गिरफ्तारी के साथ इस आग त्रासदी के मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या पांच हो गई है।

पुलिस आयुक्त वाई बी खुरानिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मनोज नायक ने खांडागिरी पुलिस चौकी में आत्मसमर्पण किया। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ की जा रही है।''

सूत्रों ने कहा कि नायक ने तड़के लगभग साढ़े तीन बजे खांडागिरी पुलिस चौकी में आत्मसमर्पण किया। उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया, जहां पुलिस अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की।

कल शाम को पुलिस आयुक्तालय ने नायक और शाश्वती दास के नाम पर लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। ये दोनों ही चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं।

खुरानिया ने कहा कि पुलिस ने सभी हवाईअड्डों और रेलवे स्टेशनों को सूचित करते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि नायक और उनकी पत्नी शाश्वती भुवनेश्वर से भागने न पाएं। गृहमंत्रालय को भी पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई की सूचना दे दी गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘जांच के दौरान हम और अधिक लोगों को भी गिरफ्तार कर सकते हैं।''

पुलिस ने लुक आउट सर्कुलर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के यह स्पष्ट करने के बाद जारी किया था कि आग त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों को बक्शा नहीं जाना चाहिए।

दो दिन पहले पुलिस ने सम अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक पुष्पराज सामंतसिंघार समेत चार वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308, 285 और 34 के तहत नामजद किया गया था।

चार अधिकारियों को राज्य सरकार के दमकल विभाग की ओर से दायर प्राथमिकी के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। राज्य सरकार की ओर से अस्पताल को उसकी अग्निशमन प्रणाली सुधारने के लिए वर्ष 2013 में एक परामर्श जारी किया था। इस परामर्श को नजरअंदाज करने के मामले में सम अस्पताल के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अस्पताल के पास अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र नहीं था।

   

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