सिखों पर बने चुटकुले रोकने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का गाइडलाइन जारी करने से इंकार

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
सिखों पर बने चुटकुले रोकने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का गाइडलाइन जारी करने से इंकारसुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। सिखों पर आधारित चुटकुलों पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए गाइड लाइन बनाने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि वो किसी समुदाय विशेष के लिए कोई गाइडलाइन नहीं बना सकता है।

सिख चुटकुलों पर पाबंदी की मांग करते हुए एक यचिकाकर्ता ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसपर कहा कि अदालतें नागरिकों के लिए नैतिक दिशा -निर्देश नहीं बना सकती। ये बेहद मुश्किल है कि किसी समुदाय विशेष के लिए गाइडलाइन बनाई जाए। मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को तय की गई है।

अगर आज कोर्ट किसी धर्म या जाति विशेष के लिए कोई दिशा निर्देश बनाता है तो कल कोई दूसरी जाति या धर्म के लोग दिशा निर्देश बनाने की मांग को लेकर कोर्ट आ जाएंगे, हंसी पर कोई कंट्रोल नहीं है। कोई हंसता है, कोई नहीं हंसता’।

कोर्ट ने कहा अगर किसी को चुटकुले से आपत्ति है तो वो कानून के हिसाब से केस दर्ज करा सकता है। अगर आज कोर्ट किसी धर्म या जाति विशेष के लिए कोई दिशा निर्देश बनाता है तो कल कोई दूसरी जाति या धर्म के लोग दिशा निर्देश बनाने की मांग को लेकर कोर्ट आ जाएंगे, हंसी पर कोई कंट्रोल नहीं है। कोई हंसता है, कोई नहीं हंसता'। कोर्ट ने कहा है कि अगर स्कूल में किसी बच्चे को कोई शिकायत है या कोई परेशानी है तो प्रिंसिपल और टीचर उसका समाधान करेंगे। ऐसे में कोई सामान्य गाइडलाइन नहीं बनाई जा सकती।

सुप्रीम कोर्ट ने सेना में रेजिमेंट्स का हवाला देते हुए कहा कि सेना की रेजिमेंट्स से इस मामले की तुलना नहीं कर सकते। जब रात में हम शांति से सोते हैं तो सरहद पर जवान न्यूनतम तापमान मेंजागकर हिफाजत करते हैं। दरअसल सिखों को लेकर किए जाने वाले चुटकुले को बंद करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि हम यह नहीं कह रहे कि इस मामले पर कोई दिशानिर्देश नहीं होने चाहिए लेकिन सवाल यह है कि इन निर्देशों को लागू कैसे किया जाएगा।

मामले में अपनी दलीलें रखने वाले वकीलों और सिख संस्थाओं से इस संबंध में सुझाव मांगते हुए कोर्ट ने कहा हम इस तरह के जोक्स और सामग्री के व्यावसायिक प्रचलन को रोकने का आदेश जारी कर सकते हैं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से इसे रोकना आसान नहीं होगा। एक महिला वकील की ओर से दाखिल जनहित याचिका में सिखों को लेकर किए जाने वाले जोक्स पर रोक लगाने की मांग की गई है।

    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.