लखनऊ। 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। तक प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि 2019 में जब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाएंगे तो हम उन्हें स्वच्छ भारत के रूप में सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि दे सकें। स्वच्छता के लिए जन आंदोलन की अगुवाई करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि वे साफ और स्वच्छ भारत के महात्मा गांधी के सपने को पूरा करें।
प्रधानमंत्री ने स्वयं मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के पास सफाई अभियान शुरू किया। प्रधानमंत्री ने स्वयं झाड़ू उठाई और देश भर में स्वच्छ भारत अभियान को एक जन आंदोलन बनाते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को न स्वयं गंदगी फैलानी चाहिए और न किसी और को फैलाने देनी चाहिए। उन्होंने ‘ना गंदगी करेंगे, ना करने देंगे’ का मंत्र दिया। मोदी ने स्वच्छता अभियान में शामिल होने के लिए नौ लोगों को आमंत्रित भी किया और उनसे अनुरोध किया कि वे सभी नौ अन्य लोगों को इस पहल से जोड़ें।
प्रधानमंत्री की इस पहल को सूबे के नए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी सार्थक बनाने का प्रयास कर रहे हैं। पद ग्रहण करते ही मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सफाई अभियान को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
बुधवार को आदित्यनाथ योगी लोकभवन पहुंचे और वहां की गंदगी देखकर उन्होंने तत्काल सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, स्कूल-कालेजों में पान और गुटखा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया है और आदेश दिया कि नियम का पालन न करने वालों पर सख्ती बरती जाए। इसके अलावा उन्होंने जिले के अधिकारियों को भी स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने को कहा है। उन्होंने आदेश दिया है कि सफाई का विशेष ध्यान दिया जाए। इसी के तहत सरकारी कार्यालयों में पॉलीथीन के प्रयोग पर भी बैन लगा दिया गया है।
मुख्यमंत्री के इस पहल का असर दिखने लगा है। आज अपने कार्यालय पहुंचे जल संसाधन व भूमि विकास मंत्री उपेंद्र तिवारी ने खुद सफाई की और दूसरों के लिए मिसाल पेश की। इसके अलावा प्रदेश अलग-अलग हिस्सों में स्वच्छता अभियान की खबरें मिल रही हैं।