साल 1984 में भारत सरकार ने हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती के तौर पर मनाने की घोषणा की थी। 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में जन्में विवेकानंद जी का बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। उनके पिता कलकत्ता हाइकोर्ट में वकील और माता गृहिणी थीं। विवेकानंद के दादा दुर्गाचरण दत्त संस्कृत और फारसी के ज्ञाता थे। माना जाता है कि उन्हीं का असर था जो नरेंद्रनाथ आगे चलकर स्वामी विवेकानंद बन सके। 25 साल की उम्र में विवेकानंद जी ने सन्यास ले लिया और स्वामी रामकृष्ण परमहंस के संपर्क में आ गए। विवेकानंद उनके विचारों से बहुत प्रभावित थे। स्वामी रामकृष्ण परमहंस की मृत्यु के बाद उन्होंने पूरे देश में रामकृष्ण मठ बनाया। स्वामी जी का देहांत महज़ 39 साल की उम्र में 4 जुलाइ 1902 को हो गया था।
स्वामी विवेकानंद की आवाज़ बहुत दमदार थी, जब वो बोलते थे तो उनको सुनने वाले मुग्ध हो जाते थे। आवाज़ में एक अलग सा भारीपन था। उनकी जयंती के मौके पर आइये सुनते हैं, साल 1893 में अमरिका के शिकागो में दिया उनका भाषण