तमिलनाडु के राज्यपाल को करना चाहिए उत्तर प्रदेश वाले उदाहरण का पालन: चिदंबरम

supreme court

नई दिल्ली (भाषा)। उच्चतम न्यायालय द्वारा अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला को दोषी करार दिए जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आज कहा कि तमिलनाडु के राज्यपाल को उत्तर प्रदेश वाले उदाहरण का पालन करना चाहिए और दो दावेदार पक्ष होने की स्थिति में विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराना चाहिए।

पिछली संप्रग सरकार में गृहमंत्री और वित्त मंत्री रह चुके चिदंबरम ने कहा कि अन्नाद्रमुक के विधायक किसी नेता को चुन लेंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मामले का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘यदि एक ही दावेदार है तो राज्यपाल उसे शपथ दिला सकते हैं और उसे अपना बहुमत साबित करने को कह सकते हैं। यदि दावेदार दो हैं तो राज्यपाल को शक्ति परीक्षण कराना चाहिए।”

वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर जगदंबिका पाल और कल्याण सिंह में से किसी एक का बहुमत तय करने के लिए उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में शक्ति परीक्षण का आदेश दिया था। हालांकि चिदंबरम ने 19 साल पुराने आय से अधिक संपत्ति के मामले में शीर्ष न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इस मामले में दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता भी आरोपी थीं।

तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले चिदंबरम ने कहा, ‘‘यह उच्चतम न्यायालय का फैसला है और हम उसके निर्णय से बंधे हैं।” पिछले सप्ताह, शशिकला ने जब तमिलनाडु में सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया था, तब चिदंबरम ने कहा था कि राज्य के अधिकतर लोगों के लिए शशिकला अस्वीकार्य होंगी।

चिदंबरम ने कहा था, ‘‘मुझे लगता है कि अन्नाद्रमुक को एक जिम्मेदार राजनीतिक दल की तरह बर्ताव करना चाहिए और ऐसी प्रक्रिया अपनानी चाहिए, जो लोकतांत्रिक हो और तमिलनाडु की जनता के लिए स्वीकार्य हो। जो उन्होंने किया है, जिसकी जानकारी मुझे मिली है, वह तमिलनाडु की अधिकतर जनता को अस्वीकार्य है।”

तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम शशिकला के खिलाफ बगावत का बिगुल छेड़े हुए हैं। एक सप्ताह से कुछ ही समय पहले शशिकला को विधायक दल का नेता चुना गया था।

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