तीन दिन चले कठिन अभियान के बाद उत्तरी थाईलैंड की गुफा में फंसे 12 फुटबॉल खिलाड़ी और उनके कोच को बाहर निकाल लिया गया है। इन सभी लोगों को कई बार में धीरे-धीरे बाहर निकाला गया है। आखिर में बचे चार बच्चों और उनके कोच मंगलवार को जब गुफा से बाहर निकले तो वे स्ट्रेचर पर लेटे हुए थे। इन लोगों के अलावा गुफा में इनकी सहायता के लिए मौजूद चार नेवी गोताखोरों को भी निकाला गया। इनमें एक डॉक्टर भी था।
What great news … the boys and their coach safe. God bless them and the volunteers. And RIP to the brave man who lost his life during the rescue. #ThaiCaveResue pic.twitter.com/9jveVv9M32
— Kate (@KayeTea_007) July 10, 2018
इससे पहले पिछले 15 दिनों से उत्तरी थाईलैँड की एक दुर्गम गुफा में फंसे 12 बच्चों को बाहर निकालने का काम रविवार को शुरू हो गया था । रविवार सुबह शुरू हुई नई कोशिशों के बाद ऐसी खबरें आईं कि तीन बच्चों को गुफा से निकाल लिया गया है। जिस समय फीफा वर्ल्ड कप चल रहा है और लोग अपनी-अपनी पसंदीदा टीम के जीतने की प्रार्थना कर रहे हैं, इस अनोखे राहत कार्य पर किसी दर्शक ने टिप्पणी की, ‘सारी दुनिया एक ही फुटबॉल टीम के लिए एकजुट हो गई है।’ गुफा में फंसे ये 12 बच्चे थाईलैंड की एक लोकल फुटबॉल टीम के मेंबर हैं।
ये बच्चे लगभग दो पखवाड़ों से गुफा में अपने कोच के साथ फंसे हुए थे। इनके लापता होने के 9 दिन बाद ब्रिटिश खोजकर्ताओं ने इन्हें ढूंढ़ा, तब से पूरी दुनिया की निगाहें इस राहत और बचाव अभियान पर टिकी हुई हैं। शनिवार सुबह गोताखोरों का एक दल इन बच्चों के लिखित संदेश लेकर लौटा था। बताया जाता है कि ये बच्चे 23 जून की शाम को फुटबॉल प्रैक्टिस करने के बाद अपने कोच के साथ गुफा की सैर करने गए थे कि अचानक तेज बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और ये अंदर फंस गए।
संदेश में लिखा, “हमारी चिंता न करना हम बहादुर हैं”
थाईलैंड की नेवी के गोताखोर बच्चों के जो संदेश लेकर लौटे उनमें बच्चों ने लिखा था, मम्मी-पापा हमारी चिंता मत करना हम सभी बहादुर हैं। कुछ बच्चों ने अपने लिए मनपसंद खाने की चीजें मंगवाई हैं। बच्चों के अलावा उनके 25 वर्षीय कोच ने भी लिखित संदेश में कहा है, ” सभी बच्चे सुरक्षित हैं। बचाव दल हमारी देखभाल कर रहा है। मैं वादा करता हूं कि बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए सब कुछ करूंगा। सबका शुक्रिया। जो कुछ हुआ उसके लिए मुझे माफ कर दीजिए। ” गुफा में फंसे बच्चे 11 से 16 बरस तक के हैं।
दुर्गम है गुफा की स्थिति
ये 13 लोग जिस गुफा के जिस हिस्से में फंसे हैं वह गुफा के मुहाने से करीब 2.5 किलोमीटर अंदर हैं। यह रास्ता भी सीधा और समतल नहीं है। कई जगह यह इतना संकरा है कि इसमें मुश्किल से रेंगकर जाया जा सकता है। कई जगह चढ़ाई है और कई जगह ढलान है। हालात खराब करने के लिए बीच-बीच में बारिश का पानी भरा हुआ है जिसकी गहराई 16 फुट तक है। यह गुफा जमीन से 800 मीटर नीचे तक है।
रास्ता इतना मुश्किल है कि नौसेना के प्रशिक्षित गोताखोर को भी एक तरफ से कम से कम पांच घंटे लगते हैं। आने-जाने में करीब 11 घंटे लगते हैं। शुक्रवार को एक गोताखोर समन गुनन की मौत हो गई। वह गुफा में जरूरी सामाना पहुंचाकर लौट रहे थे, पर रास्ते में उनकी ऑक्सीजन खत्म हो गई। समन नौसेना के पूर्व गोताखोर थे और नौकरी छोड़ चुके थे पर बचाव अभियान में शामिल होने के लिए वह वापस लौटे थे।
ढेरों हैं चुनौतियां
गुफा में फंसे लोगों और बचाव कार्य में लगे राहतकर्मियों के सामने कई चुनौतियां हैं। सबसे बड़ी चुनौती तेज बारिश की है जिसकी वजह से गुफा में सुनामी जैसी स्थिति बन सकती है। जानकारों का कहना है कि बच्चों और उनके कोच को बचाने के लिए महज चार-पांच दिन का समय है इसके बाद बारिश की वजह से इतना पानी बढ़ जाएगा कि बच्चों को अगले चार महीनों तक नहीं निकाला जा सकता। ऐसी स्थिति में बच्चों के लिए इतने समय का राशन, ऑक्सीजन और दूसरी जरूरी चीजें पहुंचानी होंगी।
डॉक्टर और विशेषज्ञ गुफा में बच्चों के पास पहुंच चुके हैं। वहां बच्चों के लिए ऑक्सीजन की लाइन डाली गई है, टेलिफोन लाइन डाली गई है, रोशनी का बंदोबस्त किया गया है, हाई प्रोटीन डाइट का भी इंतजाम है। इसके बावजूद वातावरण में कार्बन डाइ ऑक्साइड की बढ़ती मात्रा से बच्चों और कोच की जान को खतरा पैदा हो सकता है (यह कार्बन डाइ ऑक्साइड सांस लेने के दौरान निकलती है)। लगातार गुफा में फंसे रहने से बच्चे डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं, कमजोरी से उन्हें कोई भी इन्फेक्शन आसानी से हो सकता है।
बचाव के नए तरीके खोजे
थाईलैंड की मदद के लिए दुनिया भर के खोजकर्ता और राहत व बचाव विशेषज्ञ पहुंच रहे हैं। इनमें ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के एक्सपर्ट प्रमुख हैं। ब्रिटेन के केव एक्सपर्ट ने ही इन बच्चों को खोज निकाला था। शुरू में इन गुफाओं से हजारों लीटर पानी पंप करके बाहर निकालने की कोशिश की गई लेकिन कोई फायदा नहीं निकला, उलटा पानी फिर गुफाओं में भरने लगा। कुछ लोगों का विचार है कि गुफा में ऊपर से ड्रिल करके एक छेद बनाया जाए पर इससे गुफा की छत ढहने का खतरा है। कुछ लोग इस बात पर जोर दे रहे हैं कि बच्चों को एक-एक कर तैरा कर बाहर लाया जाए पर समस्या यह है कि सभी बच्चों को तैरना नहीं आता और कुछ तो इसके लिए काफी कमजोर हो चुके हैं। इसके जवाब में कुछ लोग कह रहे हैं कि बच्चों को स्कूबा डाइविंग सिखाई जा सकती है।
The first 3 members of the 12 trapped boys have been recovered from the cave in Thailand #ThaiCaveRescue https://t.co/ysiEDqrXKb
— Al Jazeera English (@AJEnglish) July 8, 2018