उच्चतम न्यायालय नर्मदा बांध के विस्थापितों की याचिका पर रोजाना करेगा सुनवाई  

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उच्चतम न्यायालय नर्मदा बांध के विस्थापितों की याचिका पर रोजाना करेगा सुनवाई   उच्चतम न्यायालय नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना संबंधित याचिकाओं की सुनवाई पर तैयार।

नई दिल्ली (भाषा)। उच्चतम न्यायालय मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर परियोजना के विस्थापितों के पुनर्वास से संबंधित याचिकाओं पर दैनिक आधार पर सुनवाई के लिए आज सहमत हो गया।

न्यायालय ने कहा, ‘‘इसमें विलंब से किसी पक्ष को भी मदद नहीं मिल रही है।'' प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, ‘‘दोनों पक्ष (राज्य और विस्थापित किसान) परेशान हो रहे हैं। परियोजना तैयार है परंतु इसने प्रभावित लोगों की परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया गया।'' पीठ इसके साथ ही नर्मदा बचाओ आन्दोलन और अन्य की याचिकाओं पर 31 जनवरी से दैनिक आधार पर सुनवाई के लिये तैयार हो गई।

न्यायालय ने कहा कि किसानों, जिनके घर और खेती की जमीन परियोजना शुरु होने पर डूब गई, को खेती योग्य भूमि और मुआवजा दिया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘उनकी क्षतिपूर्ति कीजिए या तो उन्हें (विस्थापित किसानो को) भूमि दें या जो भूमि गंवायेगे उसकी कीमत की दुगुनी रकम दी जाए। एक व्यावहारिक समाधान खोजने की जरुरत है क्योंकि विलंब किसी की भी मदद नहीं कर रही है।'' मेधा पाटकर के नेतृत्व वाले नर्मदा बचाओ आन्दोलन का अरोप है कि मध्य प्रदेश में इस परियोजना से 192 गाँव और एक नगर प्रभावित हुआ है और करीब 45,000 प्रभावित व्यक्तियों का अभी पुनर्वास किया जाना है। संगठन का कहना है, ‘‘पुनर्वास के बगैर डूब (गांवों की) नहीं होनी चाहिए।''

   

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