बुजुर्ग को आरटीआई से हुआ दो लाख के बकाया का भुगतान

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बुजुर्ग को आरटीआई से हुआ दो लाख के बकाया का भुगतानप्रतीकात्मक फोटो

लखनऊ। सेवानिवृत्ति के बाद 62 साल का बुजुर्ग सरकारी दफ्तरों में अपनी पेंशन के लिए दो साल तक भटकता रहा। मगर उसकी पेंशन सरकारीकरण के जाल में उलझी रही और उसको कोई भी फायदा न मिला। आखिरकार बुजुर्ग ने सूचना के अधिकार का सहारा लिया। राज्य सूचना आयोग की सख्ती के बाद बुजुर्ग को उसके बकाये का करीब दो लाख रुपया का भुगतान विभाग ने किया।

नहीं दी जा रही थी जानकारी

सहारनपुर निवासी राजेन्द्र प्रसाद शर्मा ने सूचना अधिकार अधिनियम-2005 के तहत जिला बेसिक वित्त एवं लेखाधिकारी, सहारनपुर से आवेदन पत्र देकर जानकारी मांगी थी। उसने आवेदन किया था कि उसकी सेवानिवृत्त 30.06.2015 को हो गयी थी, मगर उसकी पेंशन क्यों नहीं बन पायी है। उसके प्रार्थना-पत्र पर क्या कार्यवाही की गयी है, आदि से सम्बन्धित प्रमाणित छायाप्रतियां मांगी थी, परन्तु विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में वादी को कोई जानकारी नहीं दी गयी थी।

30 दिन में दें संबंधित अभिलेख

शर्मा ने नियम के तहत सूचना न मिलने पर राज्य सूचना आयोग में प्रार्थना-पत्र देकर अपने पेंशन से सम्बन्धित प्रमाणित दस्तावेजों की छायाप्रतियों की जानकारी चाही थी। राज्य सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने जनसूचना अधिकारी, जिला बेसिक वित्त एवं लेखाधिकारी, सहारनपुर को सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 की धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी कर आदेशित किया कि वादी द्वारा उठाये गये बिन्दुओं की सूचना 30 दिन के अन्दर समस्त अभिलेखों सहित अनिवार्य रूप से आयोग के समक्ष पेश करें, जिससे प्रकरण में अन्तिम निर्णय लिया जा सके। अन्यथा जनसूचना अधिकारी स्पष्टीकरण देंगे कि वादी को सूचना क्यों नहीं दी गयी है, क्यों न उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जाये।

तब आयोग को दी भुगतान की जानकारी

महेन्द्र जोशी जिला बेसिक वित्त एवं लेखाधिकारी, सहारनपुर से उपस्थित हुए, उन्होंने वादी के सेवानिवृत्त के सम्बन्ध में बताया कि उनके पेंशन का कुल बकाया भुगतान रू0 1,92,717.00 (रू0 एक लाख, बान्नबे हजार, सात सौ सत्तरह मात्र) उन्हें कर दिया गया है। इस आशय की जानकारी प्रतिवादी ने आयोग को दी है।

 

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