अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीति पर हिंदू-अमेरिकी समुदाय बंटा हुआ
Sanjay Srivastava 31 Jan 2017 12:42 PM GMT
वॉशिंगटन (भाषा)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आव्रजन से संबंधित नए आदेश पर हिंदू-अमेरिकी समुदाय बंटा हुआ है। समुदाय के कुछ लोग इस आदेश को ‘‘पूरी तरह से गैरकानूनी'' बता रहे हैं जबकि अन्य उन राष्ट्रों की सूची में पाकिस्तान और सऊदी अरब को भी शामिल करने की मांग कर रहे हैं जिनके नागरिकों के अमेंरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।
द हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने शरणार्थियों और वैध आव्रजकों को प्रभावित करने वाले शासकीय आदेश के व्यावहारिक और कानून संबंधी दुष्प्रभावों पर चिंता जताई है।
एचएएफ के कार्यकारी निदेशक सुहाग शुक्ला ने कहा, ‘‘प्रवेश देने में धर्म को आधार बनाना पूरी तरह से असंवैधानिक होगा और किसी देश की नागरिकता के आधार पर स्थायी प्रतिबंध भी गैरकानूनी होगा।'' हालांकि एचएएफ के वरिष्ठ निदेशक समीर कालरा ने यह स्वीकार किया कि शासकीय आदेश में किसी धर्म विशेष को आधार बनाने का कोई उल्लेख नहीं है।
दूसरी ओर चुनाव के दौरान ट्रंप के लिए प्रचार करने वाले रिपब्लिकन हिंदू कोअलिशन (आरएचसी) ने राष्ट्रपति के शासकीय आदेश को पूरा समर्थन देने की घोषणा की है। आरएचसी के अध्यक्ष शलभ कुमार ने कहा, ‘‘इस्लामी आतंकवाद से नागरिकों की रक्षा के लिए उठाए गए ट्रंप प्रशासन के निर्णायक कदम की हम सराहना करते हैं।''
आरएचसी बोर्ड सदस्यों ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और सऊदी अरब को भी उन मुस्लिम बहुल सात देशों ईरान, इराक, लीबिया, सीरिया, सोमालिया, सूडान और यमन की सूची में शामिल करने की मांग की जिनके नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।
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