उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, हम ‘100 फीसदी’ जापान के साथ

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   12 Feb 2017 8:50 PM GMT

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उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपण के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, हम ‘100 फीसदी’  जापान के साथअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे।

वाशिंगटन (भाषा)। उत्तर कोरिया की ओर से बैलेस्टिक मिसाइल के प्रक्षेपण के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज जापान को अमेरिका का पूर्ण समर्थन देने का आश्वासन दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक संक्षिप्त बयान में कहा, ‘‘मैं सिर्फ हर किसी को यह समझाना चाहता हूं कि अमेरिका पूरी तरह से जापान के पीछे खड़ा है, अमेरिका जापान का एक बड़ा सहयोगी है, हम उसके साथ 100 फीसदी हैं।''

उन्होंने इस मुद्दे पर ज्यादा ब्यौरा नहीं दिया। उनका यह बयान उस वक्त आया है जब आबे ने उत्तर कोरिया की आरे से मिसाइल के प्रक्षेपण की निंदा की। आबे द्वारा मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा किए जाने के बाद ट्रंप ने फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बयान दिया। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद उत्तर कोरिया का यह पहला मिसाइल प्रक्षेपण है।

आबे ने संवाददातओं से कहा, ‘‘उत्तर कोरिया का हाल का मिसाइल प्रक्षेपण पूरी तरह से असहनीय है।'' उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर कोरिया को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।''

एक गोल्फ कोर्स पर समय बिताने और अमेरिका-एशिया संबंधों पर चर्चा करने के बाद दोनों नेता संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

आबे ने एक अनुवादक के माध्यम से बात करते हुए कहा, ‘‘बैठक के दौरान उन्होंने मुझे आश्वासन दिया था कि अमेरिका पूरी तरह से और हमेशा जापान के साथ रहेगा और वह अपने दृढ संकल्प और प्रतिबद्धता को जाहिर करने के लिए इस संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यहां मेरे साथ हैं।''

यह उत्तर कोरिया का साल 2017 में पहला बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण है। साथ ही यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी के शपथ ग्रहण के बाद भी उत्तर कोरिया का पहला मिसाइल परीक्षण है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों में उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण पर प्रतिबंध लगा हुआ है।

दक्षिण कोरिया ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने यह परीक्षण अपनी परमाणु व मिसाइल क्षमताओं के प्रदर्शन के लिए किया है। साथ ही वह ट्रंप प्रशासन के कड़े रुख के खिलाफ भी इस तरह के परीक्षण के जरिए सशस्त्र विरोध दर्शाना चाहता है।

उत्तर कोरिया इसके पहले सितंबर में अपना पांचवा परमाणु परीक्षण किया था और अब इस बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद प्योंगयांग को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। प्योंगयांग ने पिछले साल फरवरी में लंबी दूरी के एक बैलिस्टिक रॉकेट का परीक्षण किया था।

मुसुदन की मारक क्षमता 3000 से 4000 किलोमीटर है। इसकी जद में पूरा जापान और गुआम स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे आते हैं।

            

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