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आतंकवाद पर कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर अमेरिका सहित कई देशों का दबाव

अमेरिका, चीन और फ्रांस ने पाकिस्तान को आतंकवाद पर कार्रवाई करने और भारत के साथ तनाव को और न बढ़ाने के लिए कहा है।
#पुलवामा

लखनऊ। पुलवामा हमले, भारत की तरफ से 26 फरवरी 2019 को की गई सर्जिकल स्ट्राइक और उसके बाद चल रहे कश्मीर घाटी में तनाव के माहौल में संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के तमाम बड़े देशों ने पाकिस्तान पर आतंकवाद पर कार्रवाई करने का दबाव बनाया है। अमेरिका, चीन और फ्रांस ने पाकिस्तान से बात कर आतंकवाद पर कार्रवाई करने के लिए कहा है।

न्यूज़ एजेन्सी भाषा के अनुसार, अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान से कहा कि वह अपनी ज़मीन से गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे और किसी भी कीमत पर भारत के साथ तनाव को और ज्यादा बढ़ाने से बचे। 14 फरवरी को आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे। 26 फरवरी को तड़के भारत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें बड़ी संख्या में आतंकवादी और उनके प्रशक्षिक मारे गए।

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पोम्पिओ फिलहाल अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच होने वाले दूसरे शिखर सम्मेलन के लिए वियतनाम में हैं। पोम्पिओ ने एक बयान में उन्होंने कहा,

“26 फरवरी को भारत की आतंकवाद-विरोधी कार्रवाई के बाद मैंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से फोन पर हमारे करीबी रक्षा संबंधों और क्षेत्र में शांति तथा सुरक्षा बनाए रखने के साझा लक्ष्य पर बात की है। मैंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी से भी बात कर सैन्य कार्रवाई से बचने और मौजूदा तनाव को कम करने की सलाह दी है। साथ ही पाकिस्तान से आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने को कहा है।”

अमेरिका के रक्षा विभाग ‘पेंटागन’ ने बताया कि ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल जोसेफ डनफोर्ड ने मंगलवार को अपने पाकिस्तानी समकक्ष जनरल जुबैर महमूद हयात से पाकिस्तान में मौजूदा सुरक्षा माहौल के बारे में बात की। पेंटागन का यह बयान पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव के बीच आया है।

1971 के युद्ध के बाद भारतीय वायु सेना पहली बार पाकिस्तान के भीतर घुसी है। भारत की इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। ज्वाइंट स्टाफ प्रवक्ता कर्नल पैट्रिक एस राइडर ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि दोनों शीर्ष अधिकारियों ने पाकिस्तान की मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की है। इस बातचीत के संबंध में तत्काल कोई जानकारी नहीं मिली है।

अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी सांसद रिकी पेरी ने अमेरिकी हाउस ऑफ रप्रजेंटेटिव्स में कहा, “इस आतंकवादी घटना में मृतकों की शहादत पर हम शोक प्रकट करते हैं और पाकिस्तान समेत किसी भी अन्य राष्ट्र के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने का आह्वान करते हैं जो आतंकवाद एवं हिंसक चरमपंथ को बढ़ावा देता है।”

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भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात की। रूस-भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर हुई इस मुलाकात के दौरान स्वराज ने कहा, “मैं ऐसे वक्त में चीन आयी हूं जब भारत में शोक और गुस्से का माहौल है। यह जम्मू और कश्मीर में हमारे सुरक्षा बलों के खिलाफ सबसे भीषण हमला है।”

स्वराज ने वांग से कहा कि आतंकवादी हमला पाकिस्तान की ओर से जैश-ए-मोहम्मद और उसके नेताओं को मिलने वाली माफी तथा समर्थन का सीधा परिणाम था। पुलवामा हमले के बाद पूरे संयुक्त राष्ट्र ने एक स्वर में इसकी निंदा की है। 26 फरवरी की सुबह यहां पहुंची स्वराज ने वांग से कहा “2019 में यह उनकी पहली बैठक है और ऐसे में यह द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने और सहयोग को आगे बढ़ाने के लिहाज से दोनों पक्षों के लिए सही समय है।”

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की वुहान में हुई वार्ता का हवाला देते हुए स्वराज ने कहा, “हमारे संबंधों में प्रगति हुई है। यह दोनों पक्षों के लिए आवश्यक है कि वे अपने नेताओं द्वारा तय दिशा-निर्देशों का सही तरीके से पालन करें।”

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फ्रांस ने पुलवामा आतंकवादी हमले को भयावह बताकर उसकी निंदा की और कहा कि पाकिस्तान अपनी धरती से चल रहे आतंकवादी समूहों को खत्म करे। यूरोप और विदेश मामलों के मंत्रालय के कार्यवाहक प्रवक्ता ने कहा, “फ्रांस पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों पर 14 फरवरी को किये गए भयावह हमले की निंदा करता है, जिसकी जिम्मेदारी आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने ली है।”

अधिकारी ने अपने बयान में कहा, “फ्रांस सीमा पर आतंकवाद से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की भारत की कार्रवाई को मान्यता देता है और पाकिस्तान से अपने भूभाग में स्थापित आतंकवादी समूहों को खत्म करने को कहता है। फ्रांस आतंकवाद के सभी स्वरूपों के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है और इस हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने और उनके वित्तीय नेटवर्क पर रोक लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को लामबंद करने में पूरी तरह लगा हुआ है।”

बयान में आगे कहा गया, “फ्रांस भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील करता है ताकि सैन्य टकराव के किसी भी जोखिम को टाला जा सके और क्षेत्र में सामरिक स्थिरता की रक्षा की जा सके। इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच द्विपक्षीय वार्ता को बहाल किया जाना मतभेदों के शांतिपूर्ण हल को शुरू करने के लिये जरूरी है।”

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