प्रवर्तन निदेशालय ने जाकिर नाइक को ताजा समन जारी किए

Mithilesh DharMithilesh Dhar   27 Feb 2017 2:24 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
प्रवर्तन निदेशालय ने जाकिर नाइक को ताजा समन जारी किएजाकिर नाइक।

मुंबई (भाषा)। प्रवर्तन निदेशालय ने विवादित इस्लामी धर्मोपदेशक जाकिर नाइक और अन्य लोगों के खिलाफ चल रहे धन शोधन मामले की जांच के संदर्भ में नाइक को ताजा और संभवत: आखिरी समन जारी किए हैं। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने नाइक के वकील और ईमेल के जरिए जांच में शामिल होने के लिए चौथी बार समन जारी किए हैं। एजेंसी ने यह समन नाइक के उस अनुरोध को खारिज करते हुए जारी किया है, जिसमें उसने विदेश से इंटरनेट आधारित वीडियो लिंक के माध्यम से जांचकर्ताओं के समक्ष पेश होने की अनुमति मांगी थी।

अधिकारियों ने संकेत दिया कि ये हालिया समन नाइक को जारी किए संभवत: आखिरी समन हो सकते हैं और यदि वह समनों को नजरअंदाज करता है तो एजेंसी उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट हासिल करने के लिए अदालत जा सकती है। ईडी के अधिकारियों ने पहले वीडियो लिंक के जरिए पेशी की अनुमति देने में असमर्थता का संकेते दिया था क्योंकि धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत ऐसी सुविधा मौजूद नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि चूंकि नाइक और अन्य के खिलाफ धन शोधन के गंभीर आरोपों की जांच चल रही है, इसलिए एजेंसी उससे ‘निजी तौर पर' पूछताछ करना चाहती है। नाइक ने कुछ दिन पहले अपने वकील के माध्यम से वीडियो लिंक के जरिए पेश होने का प्रस्ताव दिया था। उसने यह आशंका भी जतायी थी कि एजेंसी उसे उसके सहयोगी आमिर गजदार की तरह गिरफ्तार कर सकती है।

इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन नामक एनजीओ के संस्थापक नाइक ने अपने वकील महेश मुले के माध्यम से भेजे गए पत्र में कहा, ‘‘जांच में आपकी मदद करने के लिए मेरा मुवक्किल आपके समक्ष स्काइप या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के किसी अन्य माध्यम से बयान देने के लिए तैयार है।'' नाइक ने कहा था कि वह एक प्रवासी भारतीय है और उसे कोई समन नहीं मिले हैं। पत्र में कहा गया कि उसके भाई को दो फरवरी को समन मिले थे, जिसमें नाइक से नौ फरवरी को ईडी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था। इसमें कहा गया कि इसे पूरी तरह समन पहुंचाया जाना नहीं कहा जा सकता। नाइक ने ईडी से यह भी अनुरोध किया है कि वह उससे प्रतिबंधित हो चुके उसके एनजीओ आईआरएफ के बारे में सवाल पूछने से पहले अवैध गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) अधिकरण के आदेश का इंतजार करे क्योंकि अधिकरण में इस प्रतिबंध पर विवाद है।

        

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.