सरकार किसानों के लिए जल्द कर सकती है पैकेज की घोषणा, लेकिन बजट से पहले या बाद, इस पर संशय

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budget 2019, Modi government, package for farmersकिसानों को बड़ी राहत देने की तैयारी में केंद्र सरकार (फोटो- अभिषेक वर्मा, गांव कनेक्शन)

लखनऊ। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, केंद्र सरकार से किसानों के लिए बड़ी राहत की उम्मीद भी बढ़ रही है। तमाम कयासों के बीच गुरुवार को कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि सरकार जल्द ही किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक पैकेज की घोषणा करेगी। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह पैकेज बजट का हिस्सा होगा या उससे पहले इसकी घोषणा होगी।

रूपाला ने कृषि मंत्रालय की तरफ से वित्त मंत्रालय को वर्ष 2019-20 के बजट के लिए भेजे गए सुझावों को साझा करने से भी इनकार कर दिया। किसानों के लिए प्रस्तावित पैकेज के बारे में पूछे जाने पर रूपाला ने कहा, "आपको लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।" सूत्रों ने इससे पहले कहा था कि सरकार समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों के लिए फसली ऋण पर ब्याज पूरी तरह माफ कर सकती है, इससे सरकारी खजाने पर 15,000 करोड़ रुपए तक का अतिरिक्त बोझ आयेगा।

खाद्यान्न वाली फसलों के लिए बीमा पॉलिसी पर प्रीमियम को पूरी माफ करने का भी प्रस्ताव है। केंद्र तेलंगाना और ओडिशा सरकारों द्वारा लागू की जा रही योजना का मूल्यांकन भी कर रहा है जिसमें किसानों के खाते में एक निश्चित राशि सीधे हस्तांतरित कर दी जाती है।

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इससे पहले, कृषि ज़ैद/ग्रीष्मकालीन अभियान 2019 पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए, मंत्री ने कहा कि सरकार रबी और खरीफ मौसम के बीच होने वाली खेती के रकबे को बढ़ाने पर भी गौर कर रही है ताकि किसानों की आय बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब इन पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया है।

कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि वर्तमान में ग्रीष्मकालीन फसल सत्र में खेती का रकबा लगभग 45 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 20 लाख हेक्टेयर में धान लगाया जाता है। इस सत्र में चावल का उत्पादन 20 लाख हेक्टेयर से लगभग 45 लाख टन का रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार गैर-धान फसलों जैसे दलहन, मोटे अनाज और तिलहन का रकबा 25 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 50 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे गर्मी के मौसम में कुल खेती का रकबा 70 लाख हेक्टेयर हो जाएगा।

कृषि आयुक्त एस के मल्होत्रा ने कहा, "हम धान फसल के रकबे को और नहीं बढ़ाना चाहते हैं, क्योंकि इसमें अधिक पानी की आवश्यकता होती है।" आयुक्त ने कहा कि अगर खेती के रकबे में लक्षित वृद्धि को हासिल किया जाये तो गर्मी के मौसम में गैर-धान फसलों का उत्पादन दोगुना होकर 50 लाख टन हो सकता है।

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एक फरवरी को देश का बजट पेश होगा। पिछल् बार की तरह इस बार उम्मीद है कि बजट किसान केंद्रित ही होगा। हालांकि तमाम रिपार्टस में बताया जा रहा है कि किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषण बजट से पहले भी हो सकती है। विपक्ष के नेता काफी समय से केंद्र सरकार से किसानों के लिए कर्जमाफी की मांग कर रहे हैं।

(भाषा से इनपुट)


  

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