एक राष्ट्र, एक बाजार नीति को मंजूरी, अब किसान देश में कहीं भी बेच सकेंगे अपनी उपज
सरकार ने द फार्मिंग प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी है। अब किसानों को एपीएमसी में अपनी उपज बेचने की बाध्यता नहीं होगी।
गाँव कनेक्शन 4 Jun 2020 5:15 AM GMT

किसान अब अपनी फसल मंडी के बाहर कहीं भी बेच सकेंगे। 'एक राष्ट्र एक बाजार की नीति' मंजूरी मिल गई है। बुधवार तीन जून को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कृषि क्षेत्र से जुड़े और कई अहम फैसले लिये गये ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान अब अपनी उपज उचित मूल्य पर राज्य के अंदर या बाहर किसी भी बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र होंगे। वे बिना रुकावट ऑनलाइन उपज का सौदा कर पाएंगे।
सरकार ने द फार्मिंग प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) अध्यादेश 2020 को मंजूरी दी है। अब किसानों को एपीएमसी (कृषि उत्पाद बाजार समिति) में अपनी उपज बेचने की बाध्यता नहीं होगी।
इसके अलावा किसानों को प्रोसेसर, एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के साथ समझौते के लिए मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौते को भी मंजूरी दी गई है। सरकार का दावा है कि इससे किसानों की आय बढ़ेगी।
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कैबिनेट की बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमत ने मीडिया से बात की। जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "हमारे देश में 85 फीसदी किसान छोटे और मझोले हैं। संसाधनों की कमी के कारण छोटे किसानों को अपनी उपज का सही दाम नहीं मिल पाता है। किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले इसके लिए कई बड़े बदलाव किये गये हैं। आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जा रहा है। किसानों को उनकी बिक्री की आजादी के लिए एपीएमसी एक्ट में सुधार नहीं किया गया है बल्कि ये एक नया एक्ट है और यह व्यापार के लिए है। इसका नाम 'किसान उपज व्यापार वाणिज्य संवर्धन और सरलीकरण अध्यादेश 2020 है।"
Pathbreaking decisions in ensuring barrier-free trade in agriculture produce. pic.twitter.com/8u39dDlHvX
— BJP (@BJP4India) June 3, 2020
वे आगे कहते हैं, "मौजूदा एपीएमसी मंडियां अपना काम जारी रखेंगी। राज्य एपीएमसी कानून बना रहेगा, लेकिन मंडियों के बाहर यह लागू नहीं होगा। अध्यादेश मूल रूप से एपीएमसी मार्केट यार्ड के बाहर अतिरिक्त व्यापारिक अवसर पैदा करने के लिए है ताकि अतिरिक्त प्रतिस्पर्धा के कारण किसानों को लाभकारी मूल्य मिल सके।"
कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि कोविड-19 संकट के दौरान इस अध्यादेश को लाना इसलिए जरूरी था क्योंकि हमने देखा कि किसानों को मंडियों में अपनी ऊपज बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अगर यह कानून लागू होता, तो किसान अपने घर से ही बिक्री कर सकते थे और सामाजिक दूरी बनाकर रखने के मानदंडों का उल्लंघन न हुआ होता। यह अध्यादेश किसानों को लाभकारी मूल्य प्राप्त करने में मदद करेगा। अध्यादेश पर राज्य सरकारों के साथ चर्चा की गई है और इससे किसानों के जीवन में बदलाव आएगा।
Landmark decision taken by Modi government to benefit farmers and transform the agriculture sector. pic.twitter.com/2Z2JhUdSOj
— BJP (@BJP4India) June 3, 2020
उन्होंने नयी नीति के बारे में बताया कि किसान अपने घर से सीधे कंपनियों, प्रोसेसर, कृषक उत्पादक कंपनियों (एफपीओ) और सहकारी समितियों को भी बेच सकते हैं और एक बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। किसानों के विकल्प होगा कि किसे और किस दर पर अपनी उपज बेचें मंडियों के बाहर उपज की बिक्री और खरीद पर कोई राज्य कर नहीं लगेगा। पैन कार्ड वाले किसी भी किसान से लेकर कंपनियां, प्रोसेसर और एफपीओ अधिसूचित मंडियों के परिसर के बाहर बेच सकते हैं। खरीदारों को तुरंत या तीन दिनों के भीतर किसानों को भुगतान करना होगा और माल की डिलीवरी के बाद एक रसीद प्रदान करनी होगी। मंडियों के बाहर व्यापार करने के लिए कोई ''इंस्पेक्टर राज'' नहीं होगा।
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