जेट एयरवेज के शेयर्स 31 फीसदी तक गिरे, संकट में 20 हजार कर्मचारियों की नौकरी

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लखनऊ। नकदी संकट से जूझ रही विमान सेवाएं देने वाली निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज ने आखिरकार बुधवार को अपने विमान सेवाओं को अस्थाई तौर पर रोकने की घोषणा कर दी।

जेट एयरवेज ने बैंकों से 400 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता की मांग की थी जिसे ठुकरा दिया गया। अब ऐसे में कंपनी से जुड़े 20 हजार कर्मचारियों की नौकरी संकट में आ गयी हैं। ये कर्मचार जंतर-मंतर धरना दे रहे हैं।

एयरलाइन पर बैंकों का 8,500 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है जिसके चलते वह कर्ज संकट में फंसती चली गई। करीब ढाई दशक तक लोगों को विमान सेवाएं देने वाली एयरलाइन ने कहा था कि बुधवार आधी रात को अमृतसर से नई दिल्ली के लिए उसकी आखिरी उड़ान होगी। इसके बाद उसकी विमान सेवाए अस्थाई तौर पर बंद रहेंगी। नरेश गोयल द्वारा शुरू की गई जेट एयरवेज ने ढाई दशक तक लाखों यात्रियों को विमान सेवाए उपलब्ध कराई लेकिन 2010 के संकट के बाद एयरलाइन का कर्ज संकट गहराने लगा। इस दौरान कंपनी को लगातार चार तिमाहियों में घाटा उठाना पड़ा।

इसके बाद वह कर्ज के भुगतान में असफल होने लगी। पिछले साल दिसंबर में 123 विमानों के साथ परिचालन करने वाली कंपनी ने मंगलवार को केवल पांच विमानों के साथ परिचालन किया। एयरलाइन ने बुधवार शाम जारी वक्तव्य में कहा कि बैंकों की तरफ से आपात ऋण सहायता नहीं मिलने की वजह से हम परिचालन को जारी रखने के लिए ईंधन और दूसरी जरूरी सेवाओं के लिए भुगतान नहीं कर पाएंगे। इसलिए तुरंत प्रभाव से हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को अस्थाई रूप से निरस्त करने पर मजबूर हैं। आज हमारी आखिरी उड़ान का परिचालन होगा।


नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जेट की परिचालन बंद करने की घोषणा के कुछ देर बाद जारी ट्वीट में कहा कि वह जेट के समाधान प्रक्रिया का मौजूदा नियमों के दायरे में रहते हुए समर्थन करेगा। विमान कंपनी ने कहा कि वह ऋणदाताओं की ओर से बोलियों को अंतिम रूप दिए जाने की प्रक्रिया का इंतजार करेगी। इस महीने की शुरुआत में ऋणदाता बैंकों के समूह की ओर से एसबीआई कैप ने जेट एयरवेज की 32.1 से लेकर 75 प्रतिशत तक हिस्सेदारी की ब्रिकी के लिए बोलियां आमंत्रित की थी। बोलियां 8 अप्रैल से 12 अप्रैल तक आमंत्रित की गई। बैंकों ने मंगलवार को चार बोली दाताओं की पहचान की। इनमें एतिहाद एयरवेज, राष्ट्रीय निवेश कोष एनआईआईएफ, निजी क्षेत्र के टीपीजी और एक अन्य कोष इंडिगो पार्टनर की पात्र बोलीदाता के तौर पर पहचान की है। इनके पास अंतिम वत्तिीय बोली सौंपने के लिये 10 मई तक का समय है।

डीजीसीए की पेशकश

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने गुरुवार को जेट एयरवेज के दोबारा परिचालन शुरू करने में मदद की पेशकश की है। डीजीसीए ने नियामकीय दायरे में रहते हुए एयरलाइन की मदद का भी भरोसा दिलाया है। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नियामक संबद्ध नियमनों के तहत प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए कदम उठाएगा। एक अधिकारी ने कहा कि डीजीसीए नियामकीय दायरे में रहते हुए कंपनी को परिचालन शुरू करने में हरसंभव मदद करेगा।

31 फीसदी तक गिरे शेयर

जेट एयरवेज के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है। शुक्रवार को दोपहर 12 बजे तक कंपनी के शेयर 31 प्रतिशत से अधिक टूटा। इससे पहले गुरुवार को बंबई शेयर बाजार में कंपनी का शेयर 32.23 प्रतिशत टूटकर 163.90 रुपए पर बंद हुआ था। गुरुवार को कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर एक समय 34.62 प्रतिशत के नुकसान से 158.10 रुपए के 52 सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी का शेयर 31 प्रतिशत के नुकसान से 165.75 रुपये पर बंद हुआ। बीएसई में कंपनी के 60.41 लाख शेयरों का कारोबार हुआ। एनएसई में कंपनी के पांच करोड़ से अधिक शेयरों का लेनदेन हुआ।

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