मध्य प्रदेश: जिस अनाज को पैदा करने में किसान दिन-रात एक कर देते हैं, वह अनाज सड़ रहा, बोरे में ही अंकुरित होने लगा

जिस अनाज को उगाने के लिए किसान खेतों में कड़ी मेहनत करता है उसे रखने के लिए सरकारी इंतजाम बेहद बुरा है। सालों गुजर जाने के बाद भी अनाज का उठाव नहीं हुआ। परिणाम यह हुआ कि बोरियां तक सड़ गईं।

Sachin Tulsa tripathiSachin Tulsa tripathi   8 Sep 2020 10:15 AM GMT

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मध्य प्रदेश: जिस अनाज को पैदा करने में किसान दिन-रात एक कर देते हैं, वह अनाज सड़ रहा, बोरे में ही अंकुरित होने लगाखुले में रखा धान सड़ रहा है। कोई पूछने वाला नहीं है।

सतना (मध्य प्रदेश)। किसान धूप और बारिश में कड़ी मेहनत कर जिस अनाज को उगाता है उसकी कैसी दुर्दशा हो रही है इसका नजारा सतना जिला मुख्यालय से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर सिजहटा ग्राम में स्थित ओपन कैप में देखा जा सकता है। इस कैप में रखा धान लापरवाही की वजह से बरसात में भीगा और सड़ भी गया है। अब यह धान इंसान तो छोड़िए जानवरों के खाने लायक नहीं रह गया है।

नागरिक आपूर्ति निगम के आंकड़ों की मानें तो सिजहटा ओपन कैप में वित्तीय वर्ष 2018-19 की 23 हजार कुंतल धान भंडारित है। इसके अलावा 2019-20 का 12 हजार कुंतल, मौहारी ओपन कैप में 7 हज़ार और वर्ष 2019-20 का मौहारी में 43,000 और सिजहटा में 12,000 कुंतल धान खुले में रखा हुआ है। रख-रखाव की उचित व्यवस्था न होने से बरसात में धान भीग कर काली पड़ गया। बोरे सड़ चुके हैं जिनसे धान बाहर निकल कर झड़ रहा है। बावजूद इसके अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।


कुछ यही हाल यहां रखे गेहूं का भी है। वह बदबू मारने लगा है। बदबू मारता गेहूं समितियों को भेजा जा रहा है। गांव कनेक्शन जब वहां पहुंचा तब एक ट्रक गेहूं उचित मूल्य की दुकानों में बंटने के लिए लीड समिति मनकहरी के लिए भेजा गया। जब इसे ट्रक में लादा जा रहा था तब बोरियों से सफेद पाउडर की तरह कुछ उड़ रहा था और गेहूं बदबू मार रहा था। बताया जाता है कि सिजहटा ओपन कैप में 52 हजार कुंतल गेहूं रखा हुआ है।

यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश: सतना में दो करोड़ रुपए से ज्यादा का गेहूं सड़ा, हजारों कुंतल सड़ने की कगार पर

ओपन कैप सिजहटा में भारी मात्रा में ऐसा गेहूं भी भंडारित है जो भीगकर सड़ गया है। उस गेहूं को अलग करने का काम भी मौके पर चल रहा है। सड़े हुए गेहूं से ठीक गेहूं अलग किया जा रहा है। वहां काम कर रहे मज़दूरों ने बताया की ओपन कैप सिजहटा में पिछले 2 सालों का गेहूं भी रखा हुआ है जो पूरी तरह से सड़ गया है और पूरे परिसर में बदबू मार रहा है। ओपन कैप में रखे अनाज की जिम्मेदारी गोदाम प्रभारी की होती है लेकिन वो मौके पर नहीं मिले।


नियमत: ओपन कैप में रखे अनाज का उठाव 90 दिनों के अंदर हर हाल में हो जाना चाहिए लेकिन जिले में कई ऐसे ओपन कैप हैं जहां कई सालों से अनाज रखा हुआ है । ऐसे ओपन कैप में सिजहटा भी एक है। यहां गेहूं और धान दो दो वर्षों से रखा हुआ है,जिसमें का बड़ा हिस्सा सड़ चुका हैष।

इस संबंध में जिला विपणन अधिकारी नरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि हमारा काम भण्डारण कराना है। खरीदी और वितरण नागरिक आपूर्ति निगम कराती है। वह मिलर्स को डिओ काटती है। जहां भी धान-गेहूं के खराब होने की शिकायत है उसके लिए गोदाम प्रभारी जिम्मेदार हैं।

इस मामले में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के जिला प्रबंधक विख्याय हिंडोलिया का कहनाद है कि नान के पास अनाज के भंडारण का शुल्क देने की ही ज़िम्मेदारी होती है। मौके पर गोदाम प्रभारी नहीं मिले जिस कारण उनसे बात नहीं हो पाई।

  

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