तिरंगे के बाद 13 फीट ऊंचा गांधी चरखा बना दिल्ली के कनॉट प्लेस की नई पहचान

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   22 May 2017 11:12 AM GMT

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तिरंगे के बाद 13 फीट ऊंचा गांधी चरखा बना दिल्ली के कनॉट प्लेस की नई पहचानचरखे की लंबाई 25 फीट, ऊंचाई 13 फीट और चौड़ाई 8 फीट है।

नई दिल्ली। दिल्ली की शान माने जाने वाले कनॉट प्लेस में अभी तक तिरंगा झंडा लोगों को आकर्षित करता था, लेकिन अब तिरंगे के साथ-साथ चरखा भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचेगा। स्वतंत्रता आंदोलन और स्वावलंबन का प्रतीक गांधी चरखा अपने विशाल रूप में कनॉट प्लेस में रखा गया। स्टीनलेस स्टील से बने इस चरखे की चमक देखते ही बन रही है।

रविवार देर शाम एक कार्यक्रम में 13 फीट ऊंचे इस चरखे के साथ चरखा संग्रहालय का उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने किया। नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल और खादी विलेज इंडस्ट्रीज कमिशन (केवीआईसी) ने मिलकर इस चरखे को लगाया है। 5 दिसबंर 2016 को ये चरखा दिल्ली पहुंचा था। दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस के पालिका बाजार के रूफ पर विश्व का सबसे बड़ा स्टैंले स्टील का चरखा लगाया गया।

चरखे की खासियत

खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) द्वारा लगाया गया चरखा उच्च गुणवत्ता वाली क्रोमियम निकेल स्टेनलेस स्टील का बना है और जंग प्रतिरोधी, गैर चुंबकीय और गर्मी से सख्त नहीं होने वाला है।

चर्खा बनाने में 80 लाख तक का खर्च

इस चरखे की लंबाई 25 फीट, ऊंचाई 13 फीट और चौड़ाई 8 फीट है। इस चरखे का कुल वजन 2.5 टन है। इसकी कुल लागत 80 लाख के करीब बताई जा रही है।

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प्रधानमंत्री ने की तारीफ

केवीआईसी अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहल की सराहना की है और अपने विशेष संदेश में कहा, ‘महात्मा गांधी खुद मानते थे कि चरखा हमारे स्वराज और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है’।" राष्ट्रीय राजधानी में चरखा के लिए संग्रहालय और स्मारक हमारे देश के इतिहास में चरखा के ऐतिहासिक महत्व के लिए गौरवमयी श्रद्धांजलि है।

म्यूजियम भी होगा शुरू

13 फीट ऊंचे चरखे के ठीक साथ में महात्मा गांधी जी का म्यूजियम तैयार किया गया है, आज इस म्यूजियम का भी उद्घाटन किया जाएगा। इसके निर्माण के लिए सफेद संगेमरमर के पत्थर का भी इस्तेमाल किया गया है। म्यूजिएम में गांधी जी के बारे में छह मिनट की क्लीप दिखाई जाएगी। इसका लुफ्त और यादों के ताजा करने के लिए आपको केवल बीस रुपए चुकाने होंगे।

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