सिर पर हिजाब, चेहरे पर आत्मविश्वास के साथ खेलती है क्रिकेट, टीम इंडिया में शामिल होना है सपना

Shefali SrivastavaShefali Srivastava   2 April 2017 3:40 PM GMT

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सिर पर हिजाब, चेहरे पर आत्मविश्वास के साथ खेलती है क्रिकेट, टीम इंडिया में शामिल होना है सपना17 साल की इकरा रसूल भारतीय कप्तान विराट कोहली को अपना आदर्श मानती हैं

लखनऊ। अपने उम्र की बाकी लड़कियों की तरह जम्मू-कश्मीर की इकरा न तो फैशन का शौक है न ही मेकअप का, वह अपने हाथों में चूड़ियां या बेलन नहीं बल्कि इंडियन क्रिकेट टीम का बैट देखना चाहती हैं और अपने देश को इंटरनेशनल लेवल पर रिप्रजेंट करना चाहती है।

17 साल की इकरा रसूल, जम्मू कश्मीर के बारामुला के रफियाबाद के दांगीवाचा इलाके में रहती है। सिर पर हिजाब पहनकर जब वह बल्ला घुमाती है और अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से स्टंप उखाड़ती हैं तो सबकी निगाहें खुद-ब-खुद उस पर ठहर जाती हैं। इकरा अपने इलाके की स्टार क्रिकेटर बन चुकी हैं और न सिर्फ लड़कियां बल्कि लड़के भी उसकी टीम में शामिल होना चाहते हैं। इकरा भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली की बहुत बड़ी फैन हैं। वह चाहती हैं कि विराट उन्हें गाइड करें इसलिए वह विराट को कई पत्र भी लिख चुकी हैं लेकिन अब तक इनमें से एक भी विराट तक न पहुंच पाने का उसे मलाल है।

कश्मीर जैसे रुढ़िवादी समाज से आने वाली इकरा के लिए क्रिकेट खेलना इतना आसान नहीं था। उन्हें समाज, दोस्तों और यहां तक कि अपने परिवार के खिलाफ जाना पड़ा था। एक वेबसाइट में छपे इंटरव्यू में वह बताती हैं कि मैं अपने फिरन (कश्मीर का पारंपरिक पहनावा) में बैट छिपाकर ले जाती थी। मुझे गाँववाले कहा करते थे कि मुझे क्रिकेट खेलने नहीं जाना चाहिए लेकिन मैं उनकी बात से सहमत नहीं थी और हर रोज प्रैक्टिस के लिए लगभग ऐसे ही जाती थी।

एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखने वाली इकरा के पिता बेकरी चलाते हैं। इकरा का सपना है कि वह भारत की नेशनल वुमन क्रिकेट टीम में शामिल हो। इसके लिए वह जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसियेशन से मदद भी चाहती है।

कश्मीर जैसे रुढ़िवादी समाज से आने वाली इकरा के लिए क्रिकेट खेलना इतना आसान नहीं था। उन्हें समाज, दोस्तों और यहां तक कि अपने परिवार के खिलाफ जाना पड़ा था। वह बताती हैं कि मैं अपने फिरन (कश्मीर का पारंपरिक पहनावा) में बैट छिपाकर ले जाती थी। मुझे गाँववाले कहा करते थे कि मुझे क्रिकेट खेलने नहीं जाना चाहिए लेकिन मैं उनकी बात से सहमत नहीं थी और हर रोज प्रैक्टिस के लिए लगभग ऐसे ही जाती थी।

वह बताती हैं कि बचपन में उन्होंने लड़के और लड़की दोनों के साथ क्रिकेट खेला लेकिन मैं अपनी टीम को जिताने के लिए खेलना चाहती हूं। मैंने वॉलीबॉल, हैंडबॉल भी खेला लेकिन क्रिकेट ही मेरा आखिरी प्यार है और मैं देश की नेशनल टीम का हिस्सा बनना चाहती हूं।

इकरा ने अपने घर में क्रिकेट टूर्नामेंट से जीती हुईं ट्रॉफी और मेडल कुछ इस तरह सजाए हैं

इकरा ने अपने स्कूल में होने वाले कई टूर्नामेंट में कप्तानी की और नेशनल टूर्नामेंट में भी अपने राज्य को प्रेजेंट किया।

वह बताती हैं कि मैं जब स्कूल में थी तो मेरे कोच सरफराज सर ने मेरे टैलंट को तराशा। इसके बाद कश्मीर यूनिवर्सिटी में मैं सकीना मैम से मिली जो अब मेरी कोच हैं लेकिन जिसकी वजह से मुझे आसमान छूने की वजह मिली वो हैं यहां के स्टार क्रिकेटर परवेज रसूल, उनके कहे हुए शब्द आज भी कानों में गूंजते हैं।

इकरा ने 2015 में झारखंड के खिलाफ जम्मू में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया था। इस मैच के बारे में इकरा बताती हैं कि मैं झारखंड के खिलाफ फाइनल मैच को नहीं भूल सकती। यह अंडर 17 में अंतर्राज्यीय टूर्नामेंट था जिसमें मैंने तीन विकेट लिए। मुझे काफी सराहा गया था। हम मैच जीत भी गए लेकिन दुर्भाग्यवश मुझे मैन ऑफ द मैच नहीं चुना गया। मैंने इसे दिल से नहीं लगाया और अपना प्रदर्शन जारी रखा।

एक समय ऐसा भी था जब बड़े मुझे मैदान से निकाल देते है, लोग मुझे हम उम्र लड़कों के साथ खेलने पर चिढ़ाते थे। यहां तक कि मेरे बड़े भाई ने भी मुझे क्रिकेट खेलने से रोका और कहा कि खेल लड़कियों के लिए बेकार चीज है।
इकरा रसूल, क्रिकेटर, जम्मू कश्मीर

आज इकरा रसूल ने सभी को गलत साबित कर दिया। सामाजिक रूढ़िवादिता को तोड़कर अपने टैलंट की बदौलत आवाज बुलंद करके कहा, लड़कों अब क्रिकेट सिर्फ तुम्हारी प्रॉपर्टी नहीं रही। सर पर हिजाब पहनकर वह इलाके की स्टार क्रिकेटर बन चुकी हैं।

इकरा के अनुसार, ‘एक समय ऐसा भी था जब बड़े मुझे मैदान से निकाल देते है, लोग मुझे हम उम्र लड़कों के साथ खेलने पर चिढ़ाते थे। यहां तक कि मेरे बड़े भाई ने भी मुझे क्रिकेट खेलने से रोका और कहा कि खेल लड़कियों के लिए बेकार चीज है।’ इकरा अपने राज्य को अमृतसर, गोवा, हरियाणा और जम्मू में चार बार रिप्रजेंट कर चुकी हैं। बाद में वह जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसियेशन द्वारा 2013 में अपने अद्भुत प्रदर्शन की बदौलत वह अंतर्राज्यीय टूर्नामेंट में शामिल हुई।

         

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