भारत में 47 फीसदी लोग गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन में रहते हैं व्यस्त
गाँव कनेक्शन 28 April 2017 5:42 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन पर बातचीत करना भारतीय शहरों के 94 फीसदी लोग भले ही खतरनाक मानते हैं पर इनमें 47 फीसदी लोग वाहन चलाते समय फोन पर बातचीत करने की बात मानते हैं। यह बात वोडाफोन और सेव लाइफ नामक एनजीओ द्वारा किये गए ‘भारत में ड्राइविंग के समय ध्यान भंग होना: मोबाइल फोन के इस्तेमाल, पैटर्न और आचरण' नामक सर्वेक्षण रपट में सामने आयी है।
शुक्रवार को जारी इस रपट में यह भी खुलासा हुआ है कि 41 फीसदी लोग गाड़ी चलाते समय अपने काम से संबंधित बातें फोन पर सुनते हैं। इस मौके पर वोडाफोन में रेग्युलेटरी, एक्सटर्नल अफेयर्स और सीएसआर के निदेशक पी बालाजी ने कहा कि यह सर्वे रपट सुरक्षा एवं विशेषकर सड़क सुरक्षा पर हमारे विशेष ध्यान को दर्शाती है। इस अध्यन के अनुसार 34 फीसदी लोग ड्राइविंग के दौरान फोन पर बातचीत करते समय अचानक ब्रेक लगाने की दिशा में आगे बढ़ते हैं। 20 फीसदी लोगों ने माना कि गाड़ी चलाते समय फोन पर बातचीत करने पर वे दुर्घटना से बाल बाल बचे।
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आठ शहरों में हुआ सर्वे
इस अध्ययन के तहत आठ शहरों जयपुर, कोलकाता, चेन्नई, मंगलुरु, कानपुर, दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरु में दोपहिया चालकों, तिपहिया चाहलों और चार पहिया चालकों, ट्रक एवं बस ड्राइवरों समेत कुल 1749 लोगों से बातचीत की गयी। सर्वेक्षण के दौरान बेंगलुरु में सबसे अधिक 83 फीसदी लोगों ने माना कि गाड़ी चलाते समय उन्होंने फोन किया या फोन रिसीव किया। दूसरे नंबर पर कोलकाता (70) और तीसरे नंबर पर मुम्बई (65) है। दिल्ली में ऐसे लोगों की संख्या 47 फीसदी है।
असुरक्षित महसूस करते हैँ यात्री
अध्ययन के मुताबिक 96 फीसदी लोगों का कहना था कि यात्रा के समय यदि ड्राइवर फोन पर बातचीत करते हैं तो बतौर यात्री उनके मन में असुरक्षा का बोध बना रहता है। 68 फीसदी लोगों का मानना है कि गाड़ी चलाते समय फोन पर बातचीत करने वाले ड्राइवरों को कैमरों की मदद से पकड़ा जाना चाहिए।
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