मानसून में पांच दिन की देरी, छह जून को पहुंचेगा केरल

भारत में चार महीने के बारिश की मौसम की शुरुआत दक्षिण पश्चिमी मानसून से होती है, जो सामान्यतया एक जून को केरल के तट पर दस्तक देता है।

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मानसून में पांच दिन की देरी, छह जून को पहुंचेगा केरल

लखनऊ। इस साल मानसून छह जून को केरल के तट पर पहुंचेगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को यह जानकारी दी। आईएमडी ने कहा कि सामान्य तौर पर दक्षिणी पश्चिमी मानसून एक जून को भारत की मुख्य भूमि में प्रवेश करता है पर इस बार यह पांच दिन की देरी से पहुंचेगा। इस तारीख में चार दिन अधिक या कम भी हो सकता है। भारत में चार महीने के बारिश की मौसम की शुरुआत दक्षिण पश्चिमी मानसून से होती है।

आईएमडी के अनुसार दक्षिणी पश्चिमी मानसून के आगे बढ़ने की स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। मंगलवार को एक निजी एजेंसी स्काईमेट ने भी कहा था कि मानसून चार जून को केरल आयेगा और इसमें दो दिन का हेरफेर हो सकता है।

इसके एक दिन बाद मौसम विभाग ने भी दक्षिणी पश्चिमी मानसून की पूर्वानुमान रिपोर्ट जारी की है। विभाग के अनुसार अंडमान सागर और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिणी इलाकों और बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्वी इलाकों में 18 से 19 मई के बीच आगे बढ़ने की अनुकूल परस्थितियां बरकरार हैं। अगर पूवार्नुमान के मुताबिक मानसून इस साल भी देरी से आता है, तो 2014 के बाद मानसून के विलंबित होने का यह तीसरा साल होगा। इससे पहले 2015 में मानसून पांच जून और 2016 में आठ जून को केरल के तट पर दस्तक दी थी।


यह जरूरी नहीं है कि मानसून के देर से आने से बारिश की मात्रा पर कोई प्रभाव पड़ता है। पिछले साल मानसून, नियत समय से तीन दिन पहले, 29 मई को केरल की तट पर आ गया था। इसके बावजूद देश में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई थी। इसी तरह 2017 में 30 मई को मानसून की दस्तक के बाद भी बारिश की मात्रा औसत से 95 प्रतिशत ही रही थी।

मौसम विभाग द्वारा अप्रैल में जारी पूर्वानुमान में दक्षिणी पश्चिमी मानसून में लगभग सामान्य बारिश होने का अनुमान व्यक्त करते हुअ इसके 96 प्रतिशत तक रहने की संभावना जताई गई थी।

(भाषा से इनपुट के साथ)

   

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