800 साल पुरानी परंपरा टूटी, सबरीमाला मंदिर में पहली बार महिलाओं ने किया प्रवेश
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 28 सितंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 10 वर्ष से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी। इसके बावजूद इस आयुवर्ग की कोई बच्ची या युवती श्रद्धालुओं एवं दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध के कारण मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई थी
Chandrakant Mishra 2 Jan 2019 8:44 AM GMT
सबरीमला। सबरीमला में 44 वर्ष एवं 42 वर्ष की उम्र की दो महिलाओं ने इतिहास रचते हुए बुधवार को तड़के केरल के भगवान अयप्पा मंदिर में प्रवेश किया। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मीडिया से बातचीत में कहा, यह सच है कि महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया। वहीं मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के बाद मुख्य पुजारी ने शुद्धिकरण समारोह के लिए मंदिर के गर्भ गृह को बंद करने का फैसला किया है।
#WATCH Two women devotees Bindu and Kanakdurga entered & offered prayers at Kerala's #SabarimalaTemple at 3.45am today pic.twitter.com/hXDWcUTVXA
— ANI (@ANI) January 2, 2019
मंदिर को तड़के तीन बजे खोला गया था और शुद्धिकरण के लिए उसे सुबह साढे 10 बजे बंद कर दिया गया। मंदिर आमतौर पर अपराह्न साढ़े 12 बजे बंद होता है। शुद्धिकरण की प्रक्रिया के कारण श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर जाने को कहा गया है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद मंदिर को दोपहर बाद खोला जाएगा।
ये भी पढ़ें: मिलिए उस महिला से जिनकी बिल क्लिंटन से लेकर पीएम मोदी तक कर चुके हैं तारीफ
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 28 सितंबर को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 10 वर्ष से 50 वर्ष की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी थी। इसके बावजूद इस आयुवर्ग की कोई बच्ची या युवती श्रद्धालुओं एवं दक्षिणपंथी संगठनों के विरोध के कारण मंदिर में प्रवेश नहीं कर पाई थी।
Kerala: Five BJP Mahila Morcha members protesting against two women entering #SabarimalaTemple today, stopped from entering the state secretariat by police in Thiruvananthapuram. pic.twitter.com/cUIfCkhVRv
— ANI (@ANI) January 2, 2019
माकपा के राज्य सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन ने मीडिया को बताया कि दो महिलाओं ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार मंदिर में प्रवेश किया है और मंदिर बंद करना न्याय के खिलाफ कदम है। बालाकृष्णन ने कहा, लोगों को इस बदलाव को वास्तविकता के रूप में स्वीकार करना चाहिए। ऐसा बताया जा रहा है कि पारंपरिक काले परिधान पहने और सिर ढक कर कनकदुर्गा (44) और बिंदू (42) बुधवार को तड़के तीन बजकर 38 मिनट पर मंदिर पहुंचीं। पुलिस ने विरोध प्रदर्शनों की आशंका के कारण दोनों महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराई है।
ये भी पढ़िए: अगर आपको लगता है कि आपकी परेशानी बड़ी है तो इनसे मिलिए, शिकायत दूर हो जाएगी
इससे पहले उन्होंने 24 दिसंबर को भी मंदिर में प्रवेश की कोशिश की थी लेकिन विरोध के कारण उन्हें लौटना पड़ा था। मंदिर 30 दिसंबर को मकरवल्लिकु उत्सव के लिए खोला गया था। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने का आदेश दिया था जिसे माकपा नीत एलडीएफ सरकार ने लागू करने का फैसला किया है। इसके बाद से मंदिर में 10 से 50 साल आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
More Stories