दाने-दाने को मोहताज बुजुर्ग दंपति को बच्ची ने गिफ्ट की अपनी गुल्लक, दर्दभरी है इनकी कहानी

Ashwani Kumar DwivediAshwani Kumar Dwivedi   18 Aug 2017 10:13 PM GMT

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दाने-दाने को मोहताज बुजुर्ग दंपति को बच्ची ने गिफ्ट की अपनी गुल्लक, दर्दभरी है इनकी कहानीबुजुर्ग बिहारी को गुल्लक देती नौ साल की क्रिया द्विवेदी।

लखनऊ। उनके बैंक खाते में पांच लाख रुपए थे, लेकिन बैंक पैसे नहीं दे रहा था। गरीबी ने घेरा तो बच्चों ने भी साथ छोड़ दिया। 90 साल के बुजुर्ग बिहारी और उनकी 80 साल की पत्नी की भूखों मरने की नौबत आ गई थी। वो डीएम से लेकर प्रधानमंत्री तक इच्छा मृत्यु मांग चुके थे, लेकिन हर तरफ से मायूस इस दंपत्ति की मदद के लिए दो नन्हें हाथ आगे आए हैं।

गाँव कनेक्शन "न्याय न मिलने से हताश वृद्ध दम्पत्ति ने राष्ट्रपति से लगाई इच्छा मृत्यु की गुहार" शीर्षक से खबर वेबसाइट पर लगाई गई थी, जिसे पढ़ने के बाद नौ साल की एक बच्ची उनकी आर्थिक मदद करने के लिए आई। इस बच्ची का नाम क्रिया द्विवेदी है, उसने अपनी गुल्लक बुजुर्ग दंपत्ति को सौंप दिया है।

सेंट एंटेनी स्कूल में कक्षा चार की छात्रा क्रिया बताती है, “ख़बर पढ़ने के बाद मुझे लगा इनकी मदद करनी चाहिए। मैंने पापा को बताया और उनके घर गई। मैंने देखा वो बहुत हेल्पलेस हैं। उनके बच्चे भी उनकी मदद नहीं करते। इसलिए मैंने उन्हें गुल्लक दे दिया।”

सीतापुर रोड योजना सेक्टर-ए निवासी पेशे से शिक्षक और क्रिया के पापा प्रमोद द्विवेदी बताते हैं, “उसने (बेटी) ने ख़बर पढ़ी तो कहने लगी वो बूढ़े बाबा की मदद करनी है, मेरी गुल्लक उन्हें दे दो। मैंने भी उसकी जिद मान ली और बाबा से मिलवाने ले गया।” क्रिया के गुल्लक में करीब 700-800 रुपए होंगे। पैसे कम जरूर हैं लेकिन वो बुजुर्ग बिहारी की आंखों में भी उम्मीद जगा गए हैं, वो बिहारी अपना और अपनी पत्नी का पेट पालने के लिए मोहल्लों में घूम-घूमकर मिट्टी का गुल्लक बेचा करते हैं।

वीडियो देखिए बिहारी और उनकी पत्नी का दर्द,

जिलाधिकारी कर चुके हैं सम्मानित

नौ वर्ष की क्रिया को आईआईएम द्वारा आयोजित मैराथन दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर लखनऊ जनपद के पूर्व जिलाधिकारी भी सम्मानित कर चुके हैं।

ये है पूरा मामला

मूलरूप से लखनऊ जनपद गौरभीठ गाँव के निवासी बुजुर्ग बिहारी अपनी 80 वर्षीय पत्नी नंदो के साथ मड़ियांव थाना अंतर्गत गायत्री नगर नौबस्ता खुर्द में राजाराम यादव के घर पर किराए पर रहते हैं। बुजुर्ग बिहारी ने अपने जीवन की कुल जमा पूंजी पांच लाख रुपए बैंक में जमा कराने के लिए अपने मित्र से मदद मांगी तो एक एजेंट ने उनका पैसा सहारा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में जमा करवा दिया। इस एफडी को कई बार कहने के बाद नहीं क्रेडिट कराया गया। बुजुर्ग बिहारी का आरोप है, “कई बार-बार फरियाद लगाने के बावजूद एजेंट और ब्रांच मैनेजर ने पैसे नहीं निकाले, जिसके बाद परेशान बिहारी ने डीएम से लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री तक से गुहार लगाई थी कि या तो पैसे दिला दो या इच्छा मृत्यु ही दे दो।”

ख़बर विस्तार में यहां पढ़ें

सहारा में जमा हैं 5 लाख रुपए, खाने को तरस रहा बुजुर्ग दंपति, पीएम से अपील- ‘पैसे दिलाओ या इच्छा मृत्य की इजाजत दो’

         

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